श्रावणी मेला. 10वें दिन 85 हजार कांवरियों ने अरघा से बाबा फौजदारीनाथ को किया जलाभषेक
आधी रात को ही तारा मंदिर रोड के इंट्री प्वाइंट तक पहुंच गयी थी कतारप्रतिनिधि, बासुकिनाथ
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के 10वें दिन रविवार को बाबा फौजदारीनाथ के जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. बोलबम के जयघोष से बाबा फौजदारीनाथ की नगरी गुंजायमान हो रही है. 3:30 बजे सुबह से ही मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट एवं मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर में कांवरियों की भीड़ को देखते हुए सुगमतापूर्वक जलार्पण के लिए मंदिर प्रबंधन ने रविवार को गर्भगृह गेट पर अरघा लगाया. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 85 हजार कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ का जलार्पण कर सुख-समृद्धि की कामना की. मंदिर परिसर में आरती के बाद रवाना हो गये. अहले सुबह से कांवरिया श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को पवित्र गंगाजल डालकर जलाभिषेक किया. यहां बता दें कि बासुकिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए मध्यरात्रि से ही कांवरियों की भीड़ तारा मंदिर रोड के इंट्री प्वाइंट से कतार लगनी शुरू हो गयी थी. मंदिर खुलने पर कांवरिया श्रद्धालु कतार से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बारी-बारी से अरघा में जल अर्पित करना शुरू किया. कांवरियों की कतार शिवगंगा, तारा मंदिर रोड स्थित इंट्री प्वाइंट से छाया शेड होते हुए क्यू कॉम्प्लेक्स और संस्कार मंडप होते हुए हाथी द्वार तक पहुंची, जहां से वे बासुकिनाथ मंदिर परिसर पहुंचे. स्टील की बैरिकेडिंग के बीच बासुकिनाथ मंदिर पहुंचकर अरघा से भोलेनाथ को जलाभिषेक किया. मंदिर प्रांगण में कतारबद्ध होकर महिला-पुरुष कांवरियों ने जलाभिषेक किया. कांवरियों के श्रद्धा, भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी. सुरक्षा व्यवस्था के बीच भक्त जलार्पण कर रहे हैं. कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकारी पूजा के बाद मंदिर का पट कांवरियों के लिए खोल दिया गया. मेला व्यवस्था में दिनभर जुटे रहे. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, क्यू कॉम्पलेक्स व शिवगंगा तक जा पहुंची. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इंद्र वर्षा, धूप आदि से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा शेड की व्यवस्था की गयी है. मंदिर निकास द्वार के बगल में काउंटर है, जिसमें करीब 10,180 महिला-पुरुष कांवरियों ने जल डाला. याद हो कि जलार्पण काउंटर में डाले गये गंगाजल सीधे गर्भगृह में बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर पाइप द्वारा गिरता है. इस व्यवस्था को श्रद्धालु इंटरनेट जलार्पण कहते हैं. काउंटर पर आठ एलईडी टीवी लगाया गया है. इसमें भोलेनाथ के शिवलिंग का दर्शन होते हैं.4806 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया, 14,41,800 रुपये की हुई आमदनी
बासुकिनाथ मंदिर कार्यालय के अनुसार रविवार को 4806 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का लाभ उठाया. इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं ने मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का रसीद कटा कर टोकन प्राप्त किया. टोकन रसीद से श्रद्धालुओं को सिंह दरवाजे से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराया गया. इससे मंदिर न्यास परिषद बासुकिनाथ को 14 लाख 41 हजार 800 रुपये प्राप्त हुए. कम राशि की सुलभ जलार्पण की व्यवस्था से कांवरिये खुश दिखे.कोलकाता की कांवरिया मंडली ने की बाबा की आरती
फौजदारी दरबार में रविवार को कोलकाता की कांवरिया मंडली ने मंदिर परिसर में आरती की. भोलेनाथ के भक्ति में नाचते गाते आरती का परिक्रमा कर गीत गाये. भक्त रामजी अग्रवाल, दीपक कुमार, सोनू कुमार, मनीष कुमार आदि ने बताया कि 11 वर्षों से सावन में बासुकिनाथ बाबा का जलार्पण के लिए आते रहे हैं. उतरवाहिनी गंगा में जल भरने के बाद पहले बाबा बैद्यनाथ की. इसके बाद बासुकिनाथ बाबा के पास पहुंचे हैं. भोलेनाथ से अरजी लगाने कोलकाता से भक्तों की मंडली पहुंचे हैं. फौजदारी बाबा का पूजा आरती कर मन को बड़ा सुकून मिलता है. आरती पूजा के बाद भक्तों ने एक दूसरे से आशीर्वाद लिया.इंद्रवर्षा से मिटती है श्रद्धालुओं की थकान
बासुकिनाथ. श्रावणी मेला के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा फौजदारीनाथ दरबार पहुंचते हैं. छोटे-छोटे कदमों के साथ श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मंदिर गर्भगृह तक पहुंचते हैं, पूरे आस्था के साथ अपने आराध्य देव की पूजा करते हैं. श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन द्वारा सुविधाएं दी जा रही है. कतारबद्ध श्रद्धालुओं की थकान मिटाने के लिए रूट लाइन में इंद्र वर्षा की व्यवस्था की गयी है. इंद्रवर्षा श्रद्धालुओं के थकान मिटाने का कार्य करती है. कतारबद्ध श्रद्धालुओं के ऊपर फब्बारे से शीतल जल का छिड़काव किया जाता है, जो श्रद्धालुओं में नयी ऊर्जा का संचार करती है. कई बार कतारबद्ध होने के बाद श्रद्धालु के पांव शिथिल पड़ने लगते हैं. इस दौरान इंद्रवर्षा उन्हें सुख की अनुभूति कराता है.—-
फोटो-बासुकिनाथ मंदिर में कांवरियों की भीड़
मंदिर में आरती करते कोलकाता के भक्तकतारबद्ध श्रद्धालु, जयकारा लगाते भक्त
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