पुलिसकर्मियों ने शिवगंगा ओपी में बिठाकर रखा, बनाना होगा वैद्य पहचान-पत्र प्रतिनिधि, बासुकिनाथ राजकीय श्रावणी मेले के दौरान दूसरे जिलों से बासुकिनाथ में आकर पंडागिरी करने आये लोगों से शुक्रवार को शिवगंगा ओपी में पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी और दंडाधिकारी ने पूछताछ की. लोगों से उनके घर, जिला व स्थानीय आवास के बारे में पूछताछ की. बताया कि श्रावणी मेला क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि बासुकिनाथ में रोजगार के लिए अन्यत्र स्थल से आये लोगों की सही पहचान जरूरी है. वहीं बासुकिनाथ के स्थानीय पंडा समाज ने भी प्रशासन के कदम की प्रशंसा की और इसे आवश्यक बताया. बता दें कि बासुकिनाथ में बिहार के जमुई, भागलपुर, बांका, नवगछिया, लखीसराय, मुंगेर, पूर्णिया, नवादा, शेखपुरा, गोड्डा, देवघर, जामताड़ा व अन्य समीपस्थ जिलों से बड़ी संख्या में पंडागिरी कर रोजी रोजगार के लिए लोग आते हैं. जिनका कोई पहचान-पत्र नहीं होता है, जबकि बासुकिनाथ पंडा धर्मरक्षिणी सभा के द्वारा बासुकिनाथ में सालों भर रहकर पुरोहिताई करने वाले व उनके सहयोगी को पास निर्गत किया जाता है, जिस वजह से वे स्वच्छंदता पूर्वक अपना कार्य करते हैं. वहीं बाहरी लोगों की पहचान भी नहीं हो पाने से कई बार प्रशासन के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है. पंडा समाज को भी फजीहत झेलनी पड़ती है. शुक्रवार को मेला प्रशासन द्वारा बाहरी पंडा को घंटों शिवगंगा ओपी में बिठाकर रखा गया. परिचय-पत्र की बाध्यता को लेकर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को सुरक्षा की दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया है. गौरतलब है कि श्रावणी मेला के आठवें दिन शुक्रवार को प्रशासन के पदाधिकारियों के निर्देश पर जब इन दर्जनों बाहर से आये पंडा से वैध पहचान-पत्र की मांग की गयी, तो उनके पास मेला क्षेत्र के लिए निर्गत कोई वैद्य पहचान-पत्र नहीं थे. ऐसे में उन्हें पुलिसकर्मियों ने शिवगंगा ओपी में बिठाकर रखा व आगे से बासुकिनाथ श्रावणी मेला क्षेत्र में कार्य करने के लिए वैद्य पहचान-पत्र रखने का निर्देश दिया. बताया जा रहा है कि प्रशासन ने क्राइम कंट्रोल के लिए यह कदम उठाया.
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