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केसरियामय दिखा मंदिर परिसर व मेला क्षेत्र

अमावस्या को बाबा फौजदारीनाथ के दर्शन और जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. आधी रात से बाबा मंदिर के बाहर जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं की कतार लग गयी थी.

श्रावणी मेला. 15वें दिन 1.16 लाख कांवरियों ने फौजदारीनाथ को अरघा में किया जलार्पण

प्रतिनिधि, बासुकिनाथ

राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के 15वें दिन कृष्ण पक्ष अमावस्या को बाबा फौजदारीनाथ के दर्शन और जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. आधी रात से बाबा मंदिर के बाहर जलार्पण के लिए श्रद्धालुओं की कतार लग गयी थी. मंदिर परिसर व मेला क्षेत्र केसरियामय दिखा. अहले सुबह मंदिर का पट खुलते ही बोल बम के नारे से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा. आस्था और भक्ति भाव में डूबे कांवरियों ने बाबा का जयकारा लगाते हुए मंदिर गेट पर अरघा में जलार्पण किया. तीन बजे अहले सुबह से ही मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट, मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 1.16 लाख कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ का जलार्पण कर सुख-समृद्धि की कामना की. दिनभर मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंजता रहा. मंदिर प्रांगण में कतारबद्ध होकर कांवरियों ने अरघा में जलार्पण किया. मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था एवं कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस पदाधिकारी लगे रहे. षोडशोपचार विधि से सरकारी पूजा के बाद मंदिर का पट कांवरियों के लिए खोल दिया गया. कांवरियों की कतार रिंग रोड से होते हुए संस्कार मंडप, क्यू कॉम्पलेक्स शिवगंगा तट तक पहुंच गयी थी. कतारबद्ध कांवरियों को बरसात व धूप से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा शेड की व्यवस्था की गयी है. मंदिर निकास द्वार के बगल में जलार्पण काउंटर है, जिसमें 14,450 कांवरियों ने जल डाला.

6,650 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनम

मंदिर कार्यालय के अनुसार शुक्रवार को 6,650 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का लाभ उठाकर सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत कांवरियों ने 300 रुपये का रसीद कटाया. इसके बाद श्रद्धालुओं के सिंह दरवाजे से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराया गया. इस व्यवस्था से शिव मंदिर न्यास परिषद को 19 लाख 95 हजार रुपये प्राप्त हुए. शीघ्रदर्शनम पूजा कर कांवरिया प्रसन्न हो रहे हैं.

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मंदिर को 22,52, 307 रुपये की आमदनी हुई

शिव मंदिर न्यास पर्षद बासुकिनाथ को शुक्रवार को 22,52,307 रुपये की आमदनी हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 2 लाख 16 हजार 495 एवं गोलक से 62,705 रुपये प्राप्त हुए. अन्य स्रोतों से 11,107 रुपये मंदिर को मिले. दानपेटी एवं गोलक से निकले राशि की गिनती सीसीटीवी के निगरानी में मंदिर प्रशासनिक भवन में अधिकारियों के समक्ष की गयी.

इंद्रवर्षा से दूर होती है श्रद्धालुओं की थकान

बासुकिनाथ. श्रावणी मेला के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा फौजदारीनाथ दरबार पहुंचते हैं. छोटे-छोटे कदमों के साथ श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मंदिर गर्भगृह तक पहुंचते हैं, पूरे आस्था के साथ अपने आराध्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं. श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन द्वारा सुविधाएं दी जा रही है. कतारबद्ध श्रद्धालुओं की थकान मिटाने के लिए रूटलाइन में इंद्र वर्षा की व्यवस्था की गयी है. इंद्रवर्षा श्रद्धालुओं के थकान मिटाने का कार्य करती है. कतारबद्ध श्रद्धालुओं के ऊपर फुव्हारे के माध्यम से शीतल जल का छिड़काव किया जाता है, जो श्रद्धालुओं में एक नयी ऊर्जा का संचार करती है. कई बार कतारबद्ध होने के बाद श्रद्धालु के पांव शिथिल पड़ने लगते हैं. इस दौरान इंद्रवर्षा उन्हें सुख की अनुभूति कराता है.

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