बहरागोड़ा. बहरागोड़ा प्रखंड के सुवर्णरेखा तटीय इलाके के किसान सब्जी की खेती भगवान भरोसे कर रहे हैं. मोहुलडांगरी, बामडोल, गोहालडीह, बोड़ामचोटी, गुहियापाल समेत दर्जनभर गांव के किसान सब्जी की खेती को खेत तैयारी करने में जुटे हैं. इस क्षेत्र में भिंडी, झींगा करेला, खीरा की खेती लगभग 2000 बीघा में होती है. किसान खेत को तैयार कर दिये हैं. अब बारिश का इंतजार कर रहे हैं. बड़े पैमाने पर खेती होने के बाद भी यहां सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. यहां के किसान निजी सबमर्सिबल से प्रति घंटा 100 रुपये में पानी खरीद कर खेती करते हैं. यहां के किसानों की वर्षों पुरानी मांग सिंचाई व्यवस्था आज तक पूरा नहीं हो सकी है. यहां के लोगों का मुख्य आय का स्रोत खेती ही है.
16 उद्वह सिंचाई योजना खंडहर में तब्दील
यहां 90 के दशक में सुवर्णरेखा तटीय इलाके में करीब 16 उद्वह सिंचाई योजना की शुरुआत हुई थी. नदी किनारे सिंचाई योजना लगायी गयी थी, जिससे किसानों के खेत तक पानी पहुंचता था. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण धीरे-धीरे यह योजना दम तोड़ दी. राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो इस महत्वकांक्षी योजना को दोबारा शुरू करने की दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं की गयी. किसानों की समस्या को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी कई बार उक्त मामले को विधानसभा उठाया. इस योजना को पुनर्जीवित करने से यहां के किसान और बेहतर खेती कर पायेगे.किसानों के बोल
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यहां पर अगर सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध हो जाए तो किसान समुचित रूप से झारखंड को सब्जी उपलब्ध करा सकते हैं. मगर विडंबना है कि वर्षों से सिंचाई की व्यवस्था एवं कोल्ड स्टोर बनाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक इस दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं हुई. यहां के किसान आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है