डुमरिया. जिला स्वास्थ्य समिति (पूर्वी सिंहभूम) ने शुक्रवार को विश्व मलेरिया दिवस पर डुमरिया सीएचसी परिसर में पेड़ के नीचे बैठक की. इसमें सीएचसी के चिकित्सक, एमपीडब्ल्यू व स्वास्थ्य सहिया शामिल हुए. बैठक में राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान रांची के अनिल कुमार, वीपीडी के सलाहकार गीतांजलि कुमारी व डब्लूएचओ के सदस्य उपस्थित थे. आइसीएमआर के अनिल कुमार ने डुमरिया प्रखंड में मलेरिया के मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जतायी. एमपीडब्ल्यू व स्वास्थ्य सहियाओं से चर्चा की. टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ साइबा सोरेन ने बताया कि डुमरिया प्रखंड के लगभग 20 गांव मलेरिया जोन में हैं. इसमें आदिम जनजाति के लोग भी हैं. सीएचसी में व्यस्कों की जांच के लिए मलेरिया रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट एक माह से उपलब्ध नहीं है. बच्चों की जांच किट उपलब्ध है. यहां क्लोरोक्वीन दवा उपलब्ध है, लेकिन प्राइमाक्विन दवा खत्म है. सीएचसी खुद खरीद कर सबरों को दवा मुहैया करायी जा रही है, ताकि मलेरिया से किसी सबर की जान नहीं जाये. बैठक में स्वास्थ्य सहिया ने बताया कि दवा की कमी के कारण हमें परेशानी हो रही है. हालांकि, अनिल कुमार ने आश्वस्त किया कि जल्द दवा मुहैया करने का प्रयास करेंगे, जिससे मरीजों के इलाज में कोई परेशानी न हो. बैठक में प्रभारी चिकित्सा डॉक्टर साइबा सोरेन, डॉ विनय भूषण तिवारी, डॉ सुमित झा, सभी एमपीडब्ल्यू व स्वास्थ्य सहिया उपस्थित थे.
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