बहरागोड़ा.
बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र में 29 जून को 306 मिमी वर्षा दर्ज की गयी, जिससे खेती पर गंभीर असर पड़ा है. भारी बारिश के कारण किसानों के खेतों में धान के बिचड़े बर्बाद हो गये. कई किसानों ने तो रोपाई भी शुरू कर दी थी, लेकिन लगातार हुई बारिश से खेतों में अत्यधिक जलजमाव हो गया. छोटे-छोटे धान के बिचड़े और पहले से लगाये गये पौधे दो-तीन दिनों तक पानी में डूबे रहे, जिससे वे सड़ गये. किसानों का कहना है कि लगभग 60% खेतों में रोपाई बारिश से पहले ही हो चुकी थी, लेकिन ऐन वक्त पर आयी इस बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया.बहरागोड़ा प्रखंड में करीब 18,000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होती है
किसानों ने बताया कि वे महंगे दर पर बीज खरीदकर खेती करते हैं, ऐसे में पौधे नष्ट हो जाने से दोबारा पौधे तैयार करना और रोपाई करना आर्थिक बोझ बन गया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि खेतों का सर्वे कर क्षतिपूर्ति के रूप में मुआवजा दिया जाये. गौरतलब है कि बहरागोड़ा प्रखंड में करीब 18,000 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होती है. कुछ पंचायतों को छोड़कर अधिकतर पंचायतों के किसान पूरी तरह से खेती में जुट चुके थे. इस संबंध में प्रभारी कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कई पंचायतों से धान के बिचड़े नष्ट होने की सूचना मिली है. उन्होंने कहा कि जहां रोपाई नष्ट हुई है, वहां के किसान सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा के लिए आवेदन कर सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है