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East Singhbhum News : नरसिंहगढ़ स्कूल में 1400 विद्यार्थियों पर सिर्फ 16 शिक्षक

धालभूमगढ़ : शिक्षक और कक्षाओं की भारी कमी से जूझ रहा प्लस टू हाइस्कूल, गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र व संताली विषयों के शिक्षक नहीं

धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ के नरसिंहगढ़ प्लस टू हाइस्कूल, जो जिले का सबसे पुराना शिक्षण संस्थान है, विभागीय उपेक्षा का शिकार बना हुआ है. विद्यालय में करीब 1400 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, लेकिन शिक्षकों और कक्षाओं की भारी कमी के चलते पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. विद्यालय में कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए केवल 7 तथा 11वीं-12वीं के लिए 9 शिक्षक ही पदस्थापित हैं, जबकि नामांकन के अनुपात में यह संख्या काफी कम है. महत्वपूर्ण विषयों जैसे गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र और संताली के लिए न तो शिक्षक पदस्थापित हैं और न ही स्वीकृत पदों में वृद्धि की गयी है. कई विद्यालयों में एक विषय के लिए दो-दो शिक्षक हैं, वहीं इस विद्यालय में प्रत्येक विषय के लिए एकमात्र शिक्षक की ही स्वीकृति है.

संताली के 500 छात्र, लेकिन एक भी शिक्षक नहीं:

प्रधानाध्यापक निर्मलेंदु महतो ने बताया कि विद्यालय में संताली विषय के लगभग 500 छात्र हैं, लेकिन एक भी संताली शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. मजबूरी में छात्र खुद ही वैकल्पिक व्यवस्था से पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विद्यालय में वर्तमान में करीब 1400 छात्र नामांकित हैं. अकेले कक्षा 11वीं में ही लगभग 300 छात्र हैं, जिसके कारण चार सेक्शन बनाकर कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. कक्षा 9वीं-10वीं के लिए कुल 10 शिक्षक पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल 7 शिक्षक ही कार्यरत हैं. इसी प्रकार प्लस टू स्तर पर 11 पद स्वीकृत होने के बावजूद सिर्फ 9 शिक्षक ही पदस्थापित हैं. खासकर प्लस टू विज्ञान शाखा में बायोलॉजी शिक्षक का भी अभाव है.

30 शिक्षकों व कमरों की आवश्यकता :

विद्यालय में कुल 24 कक्षाएं हैं, जिनमें से 12 कक्ष तकनीकी विषयों की पढ़ाई के लिए आरक्षित हैं. शेष 12 कक्षाओं में ही नियमित कक्षाएं संचालित की जाती हैं, जिससे शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है. नियमानुसार, विद्यालय में छात्र संख्या के अनुसार कम से कम 30 शिक्षकों और पर्याप्त कक्षाओं की आवश्यकता है. उल्लेखनीय है कि हाई स्कूल परिसर में मॉडल स्कूल भी संचालित किया जा रहा है, जिसे विद्यालय के चार कक्ष उपलब्ध कराये गये हैं. इससे भी कक्षाओं की उपलब्धता पर प्रभाव पड़ा है.

शिक्षकों की मांग, लेकिन विभाग मौन

विद्यालय प्रशासन द्वारा कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति या नयी पदस्थापन की मांग की गयी है. हाल ही में प्रभारी प्रधानाध्यापक को एसओएस स्कूल, जमशेदपुर में प्रतिनियुक्त कर दिये जाने के कारण गणित की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. लेकिन अबतक विभाग की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है.

शिक्षा मंत्री व डीसी को दी गयी जानकारी

बीते दिनों अभिभावक शिक्षक सम्मेलन के बाद एसएमसी के अध्यक्ष डॉक्टर तपन कुमार गोराई ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, उपायुक्त व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर स्कूल की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए अविलंब नये पद सृजन करने और स्वीकृत पदों पर पर्याप्त शिक्षकों की पदस्थापन की मांग की है. खास तौर पर संताली भाषा के शिक्षकों के लिए पद सृजन के साथ शिक्षक के पदस्थापन की बात कही है.

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