गालूडीह.
घाटशिला प्रखंड के गालूडीह से सटे उलदा गांव स्थित पहाड़ पर रविवार को पहाड़ पूजा धूमधाम से हुई. सुबह से लोग पहाड़ की तलहटी पर पहुंचने लगे थे. अच्छी बारिश, बेहतर खेती और गांव को निरोग रखने लिए ग्रामीणों ने पहाड़ की पूजा की और मन्नतें मांगी. जिनकी मन्नतें पूरी हुई वैसे लोग बकरे और मुर्गे की बलि चढ़ाकर विशेष पूजा की. पुजारी (लाया) वीरेंद्र सिंह ने पूजा की. गौर मोहन सिंह ने पूजा में सहयोग किया. सुबह से शाम तक पहाड़ की तलहटी पर पूजा होती रही. पूजा में महिलाएं भी शामिल हुई और पूजा करायी. पूजा के साथ झमाझम बारिश भी शुरू हो गयी.200 साल से अधिक समय से उलदा में पहाड़ पूजा हो रही है.
उलदा पहाड़ पूजा कमेटी ने बताया कि उलदा पहाड़ पूजा ऐतिहासिक है. करीब 200 साल से अधिक समय से उलदा में पहाड़ पूजा हो रही है. पूर्वज जल, जंगल और जमीन की रक्षा के साथ हिंसक जानवरों से बचाव, बेहतर खेती और गांव को निरोग रखने के लिए पहाड़ की पूजा करते थे. आज भी पूर्वजों की परंपरा यहां कायम है. पारंपरिक तरीके से पहाड़ की पूजा होती है. पूजा के बाद शाम में उलदा मैदान में छऊ नृत्य, डांस समेत कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ी. यहां पहाड़ पूजा पर मेला भी लगा. पूजा कर सभी ने गांव की खुशहाली की कामना की. मौके पर भोग भी बंटा. हालांकि यहां पहाड़ तक जाने का बेहतर रास्ता नहीं है. जंगल की पगडंडी से होकर लोग जाते हैं. पहाड़ पूजा को सफल बनाने में ग्राम प्रधान छुटू सिंह, मुखिया लालमोहन सिंह, गौर मोहन सिंह, नारायण सिंह, जगदीश सिंह, वृहस्पति गोराई, इंद्रजीत सिंह, कैलाश सिंह, कमल महतो हीरालाल गोराई समेत कमेटी के सभी सदस्य और ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है