बहरागोड़ा/गालूडीह. आसमान से आग बरस रही है. गर्मी के सितम से सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. सुबह सात बजे से धूप का रौद्र रूप देख लोग घरों से नहीं निकलना चाह रहे हैं. गर्मी से लोगों का जीना मुहाल है. दोपहर में लू चल रही है. पैदल व दोपहिया वाहन चालकों की हालत खराब हो रही है. गर्मी से बचने के लिए लोग छाता, चश्मा, अंगोछा का सहारा ले रहे हैं. घाटशिला अनुमंडल में पारा 43 डिग्री पर पहुंच गया है. बुधवार को बहरागोड़ा का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस व घाटशिला का 42 डिग्री के पार रहा. स्कूलों में छुट्टी के बाद घर लौटने में बच्चों की हालत खराब हो जा रही है. छात्र-छात्राएं मुंह पर कपड़ा ढंककर चलते दिखे. अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों की समय सीमा को काम किया जाये. दोपहर में छुट्टी होने से बच्चों को घर आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अस्पतालों में उल्टी व बुखार के मरीज बढ़े
गर्मी बढ़ने के कारण अनुमंडल के अस्पतालों में उल्टी व बुखार की शिकायत को लेकर लोग पहुंचने लगे हैं. धूप के कारण राष्ट्रीय उच्च पथ भी सन्नाटा छाया रहा. चालक पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ा कर आराम फरमाते नजर आये. जानकारी हो कि वर्ष 2024 में पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा में तापमान 46. 01 डिग्री पर पहुंच गया था.घाटशिला में सुबह बाजारों में कुछ चहल-पहल रही, पर दिन चढ़ते ही सन्नाटा पसर गया. अधिकतर दुकानदार शटर गिराकर घर चले गये. गालूडीह बस स्टैंड में यात्री नहीं के बराबर रहे. बसें खाली रहीं.
खाली पेट बाहर न निकलें, सिर को सूती कपड़े से ढंकें : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उत्पल मुर्मू ने कहा कि तापमान बढ़ रहा है. लोगों को सतर्कता बरतना जरूरी है. जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलें. सिर को सूती कपड़ा से ढंके. ओआरएस का घोल पीयें. खाली पेट बाहर नहीं निकलें. उल्टी, बुखार सिर दर्द होने से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करायें. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि लू के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट है.अभी तापमान बढ़ेगा, धूप से बचें : कृषि वैज्ञानिक
दारीसाई क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी लगातार तापमान बढ़ेगा. धूप से बचने की जरूरत है. यह हीट वेव है. ऐसी स्थिति में लू लगने की संभावना रहती है. घर से निकलें, तो पेटभर पानी पीकर निकलें. सिर पर गमछा या टोपी पहनें. बाइक से चलें, तो हेलमेट लगायें.कई निजी स्कूलों ने मॉर्निंग कक्षा शुरू की
मंगलवार रात भर उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल रहे. वहीं बुधवार के हीट वेव से लोग बेहाल नजर आये. कई निजी स्कूल में मॉर्निंग कक्षा शुरू कर दी. सरकारी स्कूलों में अभी दोपहर में छुट्टी हो रही है. इससे बच्चे परेशान हो रहे हैं.बसों व टेंपो में आधे हुए यात्री, आय में गिरावट
भीषण गर्मी के कारण यातायात व्यवस्था पर असर पड़ा है. घाटशिला के फूलडुंगरी बस स्टैंड में यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आयी है. बस और टेंपो चालकों ने बताया कि यात्रियों की संख्या आधी हो गयी है. आय पर असर पड़ा है. बस स्टैंड के संचालक रामदास हांसदा ने यात्रियों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था की है. ————–बस स्टैंड में वाटर कूलर की व्यवस्था हो, ताकि गर्मी में यात्रियों को ठंडा पानी मिल सके. वर्षों से स्टैंड की स्थिति जस की तस है.
– बबलू सोरेन, घाटशिला कॉलेज के छात्र—————————————-भीषण गर्मी में यात्रियों और आम जनता को राहत देने के लिए जनप्रतिनिधियों को पहल करनी चाहिए.
– शिवकुमार, घाटशिला————————————–फूलडुंगरी बस स्टैंड से लोग आवागमन करते हैं. यहां वाटर कूलर की व्यवस्था की जाये, ताकि यात्रियों को राहत मिले.
– रामेश्वर मार्डी, घाटशिला————————————–यात्रियों के लिए दो हांडी में ठंडे पानी की व्यवस्था की गयी है. यहां से स्कूली बच्चे, कॉलेज के छात्र-छात्राएं और ग्रामीण आते-जाते हैं. “गर्मी दिन-ब-दिन बढ़ रही है ” यहां वाटर कूलर लगनी चाहिए.
– रामदास हांसदा, संचालक फूलडुंगरी बस स्टैंड—————–
गर्मी बढ़ते ही देसी फ्रिज की मांग बढ़ी, दिन-रात मटका बना रहे कुम्हार
गालूडीह. गर्मी बढ़ते ही घाटशिला में देसी फ्रिज (मिट्टी के घड़े और सुराही) की मांग बढ़ गयी है. गालूडीह के बड़बिल, बिरहीगोड़ा, केशरपुर, राजाबासा गांव के कुम्हार इन दिनों सुराही बनाने में दिन-रात जुटे हैं. कुम्हारों की चाक घूमने लगी है. घाटशिला और गालूडीह में मिट्टी के बर्तनों की दुकानें सज गयी हैं. हाट और बाजार में कुम्हार बेचने लगे हैं. अधिकतर लोग मिट्टी के घड़े में पानी पीना पसंद कर रहे हैं.मटके का पानी सेहत के लिए फायदेमंद
दरअसल, मटके का पानी सेहतमंद होता है. मिट्टी के बर्तन बेचने वाले कुम्हार विजय भकत ने बताया कि बाजार में बालू हंडी और सुराही की मांग बढ़ गयी है. इस वर्ष बाजार में बालू हंडियों की कीमत 50 रुपये से 120 रुपये तक है. कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तन जमशेदपुर तक जाते हैं. कुम्हार गाड़ी से हंडियों को जमशेदपुर बाजार तक पहुंचाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है