राकेश सिंह, चाकुलिया
पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड स्थित मटियाबांधी पंचायत से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र निर्गत मामले में प्रशासन बैकफुट पर है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों में समुदाय विशेष के लोग शामिल हैं. अंदेशा है कि एनआरसी से बचने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठिये इस षड्यंत्र में शामिल हो सकते हैं. इस मामले में अबतक बीडीओ ने एफआइआर दर्ज नहीं कराया है. इसे लेकर लोगों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि जिन 106 लोगों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र चिह्नित हुए हैं, उन पर एफआइआर किया जाना चाहिए. उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ किए जाने पर सही जानकारी मिल सकेगी.मेरे मोबाइल पर ओटीपी नहीं आया, साइबर अपराध की आशंका : पंचायत सचिव
इस मामले में पंचायत सचिव सुनील महतो ने साइबर अपराध की ओर इशारा किया है. उन्होंने बताया कि आशंका है कि अपराधियों ने सिस्टम हैक कर फर्जी ढंग से जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किया है. उन्होंने कहा कि मेरे मोबाइल में ओटीपी आये बगैर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की वेबसाइट खोलना संभव नहीं है. हालांकि, मेरे मोबाइल में कोई ओटीपी नहीं आया है.आज बीडीओ को जवाब देंगे पंचायत सचिव
पंचायत सचिव ने कहा कि पिछले 3 महीने से वे गंभीर रूप से बीमार हैं. उनकी किडनी और लीवर में समस्या है. पिछले 3 महीने से इलाज के लिए लगातार लंबी-लंबी छुट्टियों पर हैं. ऐसे समय में मटियाबांधी पंचायत से जन्म प्रमाण पत्र निर्गत होना समझ से परे है. उन्होंने बताया कि इस मामले में बीडीओ ने स्पष्टीकरण मांगा है. इसका जवाब शनिवार को प्रखंड कार्यालय पहुंचकर देंगे. फिलहाल में चलने-फिरने में असमर्थ हैं. वे अपना स्पष्टीकरण देते हुए बीडीओ से मांग करेंगे कि मामले की जांच कर दोषी को पकड़ा जाये.
3000 के आसपास फर्जी प्रमाण पत्र बनने की आशंका : बीडीओ
जानकारी मिली है कि जमशेदपुर के ढाई से तीन हजार लोगों के जन्म प्रमाण पत्र मटियाबांधी पंचायत से निर्गत किये गये हैं. आंकड़ा इससे कम या अधिक हो सकता है. बीडीओ आरती मुंडा ने बताया कि 106 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को चिह्नित कर लिया गया है. इसे रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है. जो जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये हैं, वे जमशेदपुर के प्राइवेट स्कूलों से वेरिफिकेशन के लिए बीडीओ के पास भेजे गये थे. इस बात के कयास लग रहे हैं कि कई और लोगों ने ऐसे प्रमाण पत्र बनाकर रखे होंगे, जिनका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि हैकरों ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने का काम किया है, तो सिर्फ बच्चों का नहीं, कइयों का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बना लिया गया होगा.
जनवरी में बने सर्वाधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र
जानकारी मिली है कि जनवरी महीने में सबसे अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बने हैं. इसकी भनक विभागीय पदाधिकारी को पहले ही मिलनी शुरू हो गयी थी. मटियाबांधी पंचायत के एक बीएलइ स्वप्न महतो ने बताया कि सात-आठ अप्रैल को उन्हें प्रखंड कार्यालय बुलाकर इस संबंध में बीडीओ ने पूछताछ की थी.
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