पोटका.झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक चंपाई सोरेन आदिवासी समुदाय के धर्मांतरण को रोकने व अपने अधिकार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से अभियान की शुरूआत की. इसी क्रम में वे रविवार को ओडिशा के मयूरभंज पहुंचे, जहां उन्होंने आदिवासी समुदाय के प्रबुद्ध लोगों से मिलकर विचार विमर्श किया. वहीं, हाता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज में धर्मांतरण को रोकने के लिए वे संपूर्ण झारखंड के अलावे ओडिशा, पश्चिमी बंगाल व बिहार का दौरा कर आदिवासी समाज को जगाने का कार्य करेंगे. बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण आदिवासी समाज में तेजी से धर्म परिवर्तन हो रहा है, यदि यही स्थिति रही, तो आदिवासी समाज का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. कांग्रेस हमेशा आदिवासी विरोधी पार्टी रही है. आज अगर धर्म परिवर्तन को नहीं रोका गया, तो आने वाले समय में हमारी परंपरा व संस्कृति नष्ट हो जायेगी.
सरना आदिवासी समाज के बच्चे पिछड़ रहे
चंपाई ने कहा आदिवासी संस्कृति का मतलब सिर्फ पूजन पद्धति नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवनशैली है. जन्म से लेकर शादी-विवाह व मृत्यु तक, हमारे समाज की सभी प्रक्रियाओं को मांझी परगना, पाहन, मानकी मुंडा, पड़हा राजा व अन्य पूरा करवाते हैं, जबकि धर्मांतरण के बाद वे लोग सभी प्रक्रियाओं के लिए चर्च में जाते हैं. वहां क्या “मरांग बुरु” या “सिंग बोंगा” की पूजा होती है. हमारी परंपराओं से दूर हटने के बावजूद यह लोग आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं, जबकि सरना आदिवासी समाज के बच्चे इस रेस में पिछड़ते जा रहे हैं. अगर इस धर्मांतरण को नहीं रोका गया, तो भविष्य के हमारे सरना स्थलों, जाहेरस्थानों, देशाउली आदि में कौन पूजा करेगा. हमारा अस्तित्व ही मिट जायेगा. इस दौरान भाजपा नेता गणेश सरदार आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है