गालूडीह.
सुवर्णरेखा परियोजना की तमाम शाखा और लघु शाखा नहर जाम है. कचड़े, जंगल-झांड़ी से नहरें भर गयी हैं. एक नहीं कई जगह शाखा नहरें टूटी और ध्वस्त हैं. ऐसे में इस बार खरीफ के मौसम में धान की खेती के लिए किसानों को पानी कैसे मिलेगा यह बड़ा सवाल है. इससे किसान भी चिंतित हैं. चांडिल मुख्य बायीं नहर में चांडिल डैम से पानी छोड़ने से, तो पानी भर जाता है पर मुख्य नहर से निकली शाखा और लघु शाखा नहरों की स्थिति काफी खराब है. ऐसे में खेतों तक इस बार पानी जाना संभव नहीं होगा. गालूडीह क्षेत्र के बाघुड़िया पंचायत के गुड़ाझोर और हेंदलजुड़ी के भूतियाकोचा गांव के पास से मुख्य बायीं नहर से दो शाखा नहरे निकली हैं. गुड़ाझोर से निकली शाखा नहर केशरपुर, बाघुड़िया, काशिया, हुपूडीह, कामारीगोड़ा होते हुए जोड़सा तक आयी है वहीं यहीं नहर काशिया से दूसरी ओर मुड़कर बड़ाकुर्शी पंचायत के काड़ाधोर, छोड़ाकुर्सी, आमचुड़िया होते हुए सालबनी तक गयी, जिससे दर्जनों गांवों के किसानों को खरीफ में पानी मिलता है. इसी तरह भूतियाकोचा से निकली शाखा नहर लोवागोड़ा, कालाझोर, राजाबासा, सिकराबासा होते हुए हेंदलजुड़ी और बनकांटी पंचायत के हाइवे पार कर जगन्नाथपुर तक गयी है. इससे हेंदलजुड़ी और बनकांटी दो पंचायत के दर्जनों गांवों के किसानों को पानी मिलता है. पर इस साल दोनों शाखा नहर टूटी है और कचड़ों से भरी है. ऐसे में खेत तक नहर का पानी पहुंचना संभव नहीं है.किसान चारा डाल चुके हैं. 15-20 जून से रोपनी शुरू करेंगे तब पानी का इंतजार
क्षेत्र के किसान धान का चारा डाल चुके हैं. 15-20 जून से धान रोपनी शुरू करेंगे, तब पानी की जरूरत होगी. नहर के भरोसे इस क्षेत्र के किसान पहले ही चारा डाल चुके हैं. अब पानी नहीं मिलेगा, तो किसानों को बड़ा नुकसान होगा. नहर टूटे रहने और कचड़ों से जाम रहने से किसान चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि यदि नहर में पानी नहीं आया, तो धान चारा बर्बाद हो जायेगा और न ही समय से धान की रोपाई हो पायेगी. इस स्थिति से सुवर्णरेखा परियोजना अभियंता अवगत हैं, बावजूद समय रहते टूटी नहर की मरम्मत और सफाई के दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं. इससे किसानों में रोष है. किसानों ने कहा काफी पहले से नहर के ध्वस्त होने की जानकारी विभाग दे रहे हैं पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा.अब पानी की जरूरत आ गयी, लेकिन मरम्मत और सफाई नहीं होने से बड़े भूभाग में खेत सूखे रह जायेंगे.
किसान बोले- नहर की हालत से खेती होगी मुश्किल
किसान सभा के नेता दुलाल चंद्र हांसदा और निखिल रंजन महतो के साथ किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को जमशेदपुर जाकर स्कूली शिक्षा मंत्री सह घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन से मिले और शाखा नहरों के टूटे रहने और जंगल-झांड़ियों से भरे होने की जानकारी दी. किसानों ने कहा कि खरीफ में धान की खेती का समय आ गया है. नहरों का जो हाल है. उससे खेत तक पानी पहुंचना संभव नहीं होगा. सुवर्णरेखा परियोजना ध्यान नहीं दे रहा है. इस पर मंत्री रामदास सोरेन ने सुवर्णरेखा परियोजना के चांडिल कॉम्पलेक्स के मुख्य अभियंता राम निवाश प्रसाद से दूरभाष पर बात की और नहरों की सफाई कराने और जहां-जहां टूटी है उसे तत्काल दुरूस्त करने का निर्देश दिया. मुख्य अभियंता ने कहा कि निरीक्षण करा कर नहरों को जल्द दुरुस्त करेंगे.
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