चाकुलिया.
चाकुलिया का लैंपस भवन जर्जर हो चुका है. लगातार बारिश से भवन की स्थिति और खराब हो गयी है. भवन के चारों ओर पानी जमा है. लैंपस परिसर में रखे दस्तावेज पानी में भीग कर खराब हो रहे हैं. लैंपस सचिव अरुण राय ने बताया कि लंबे समय से लैंपस भवन निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए विभाग से मांग की जा रही है. विभाग ध्यान नहीं दे रहा है. चाकुलिया लैंपस भवन 58 वर्ष पहले वर्ष 1967 में बना था. कर्मचारी जर्जर भवन में बैठकर लैंपस का काम करने को विवश हैं. सचिव ने बताया कि भय के साये में पुराने और जर्जर भवन मैं बैठकर काम कर रहे हैं. समय रहते विभाग पर ध्यान नहीं दिया, तो दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया : रत्नेश झा
प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रत्नेश झा ने बताया कि चाकुलिया लैंपस भवन की स्थिति बदतर है. नये भवन के निर्माण व जीर्णोद्धार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. वरीय पदाधिकारी को सूचित किया जा चुका है. भवन में बैठकर काम करना खतरनाक हो गया है. दोबारा इसकी जानकारी विभाग के वरीय पदाधिकारी को भेजी जायेगी.गुड़ाबांदा में बिना उपयोग के जर्जर हो रहे कई भवन
गुड़ाबांदा.
गुड़ाबांदा प्रखंड क्षेत्र में सरकारी भवनों के नाम पर जमकर सरकारी धन की बर्बादी हो रही है. भवनों का निर्माण कराया जाता है, लेकिन उपयोग नहीं होता है. ऐसे में यह बदहाल होकर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है. अनुपयोगी भवन समय बीतने के साथ जर्जर होता जा रहा है. प्रखंड का आश्रम आवासीय बालिका उच्च विद्यालय अर्जुनबेड़ा में लाखों रुपये में बना स्टाफ रूम में बैगर उपयोग के दरार पड़ गयी है. कभी भी भवन गिर सकता है. ठेकेदार जैसे तैसे काम कर भाग गया. अब स्कूल के शिक्षक और छात्राओं को परेशानी हो रही है. भवन के नीचे 163 बच्चे दिन रात पानी भरते हैं देख रेख में अगर विभाग नजरंदाज करता है तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है