गुड़ाबांदा.
गुड़ाबांदा प्रखंड की बालीजुड़ी पंचायत स्थित बेनागाड़िया आंगनबाड़ी केंद्र टू जर्जर भवन में चल रहा है. यहां के बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं. सरकार एक तरफ बच्चों के विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे पैसे खर्च कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ बेनागाड़िया आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल है. इससे सवाल उठने लगे हैं. बेनागाड़िया आंगनबाड़ी केंद्र कई समस्याओं के बीच किसी तरह चल रहा है. भवन में खिड़की- दरवाजा भी नहीं है. बावजूद यहां केंद्र चलाया जा रहा है. इस भवन की छत और दीवारों में मोटी-मोटी दरारें पड़ गयी हैं. इससे दीवारें कमजोर पड़ने लगी हैं. बारिश के मौसम में इसकी हालत और भी खराब हो गयी है. छत से पानी टपकता है. फर्श पर पानी जमा हो जाता है. इस केंद्र की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. केंद्र की सेविका पानमुनी बास्के व सहायिका सुमति सोरेन है. यहां 26 बच्चे नामांकित हैं. सेविका पानमुनी बास्के ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र की जर्जर छत गिरने से बच्चों के गायल होने का खतरा रहता है. कभी भी दुर्घटना हो सकती है. जल्द नया केंद्र का निर्माण कार्य शुरू कराया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है