गालूडीह.
धान, सब्जी के अलावे अब गांवों के किसान वैकल्पिक खेती पर जोर देने लगे हैं. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण घाटशिला प्रखंड के कृषि बहुल पंचायत बड़ाकुर्शी है. यहां इस वर्ष मूंग की फसल पैदा करने वाले किसानों में खुशी है क्योंकि इस बार मूंग की अच्छी पैदावार हुई है. जिससे किसानों को बहुत फायदा हुआ है.मौसम ने किसानों का भरपूर साथ दिया
बड़ाकुर्शी गांव के गिधिबिल टोला निवासी किसान चित्तरंजन महतो ने 2.5 एकड़ जमीन पर मूंग की खेती की है. उन्होंने बताया कि इस साल मौसम ने किसानों का भरपूर साथ दिया. बीच-बीच में इक्का-दुक्का बारिश हुई, लेकिन इससे मूंग की फसल को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र दारीसाई में 90 रुपये प्रति किलो की दर से मूंग बेच रहे हैं. मूंग की फसल को बेचकर किसान आने वाली धान की खेती की तैयारी करते हैं.
इसके अलावा गरमा मौसम में मूंग की खेती करने के दो फायदे हैं, पहला यह कि किसान मूंग की फली की तोड़ाई कर उपज प्राप्त कर सकते हैं. दूसरा तोड़ाई के बाद इसके पौधे को मिट्टी में मिलाकर बड़ी मात्रा में हरी खाद के रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं. बड़ाकुर्शी पंचायत के गिधिबिल गांव के किसान धान, सब्जी के अलावे वैकल्पिक खेती पर जोर ज्यादा देने लगे हैं. यह बदलाव के अच्छे संकेत हैं. दलहन की खेती इस क्षेत्र में पहली बार बड़े पैमाने पर हुई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है