पटमदा. पटमदा थाना के बांतोड़िया गांव में शनिवार दोपहर विश्वनाथ माझी व अन्य लोगों को जमशेदपुर सिविल कोर्ट के आदेश पर (31.15 एकड़) जमीन का दखल दिलाने जमशेदपुर सिविल कोर्ट की टीम दल बल के साथ पहुंची थी. इस बीच कोर्ट के कर्मचारियों के साथ दूसरे पक्ष की झड़प हो गयी. दूसरे पक्ष के विभूति माझी (ग्राम प्रधान) समेत 24 परिवार के लोग कोर्ट का आदेश नहीं मानने की बात करते हुए कोर्ट के पदाधिकारी व कर्मचारियों के साथ बहस करने लगे. ग्राम प्रधान का तर्क था कि इस जमीन के लिए उन्हें 2022 में डिग्री मिल चुकी है. विपक्षी पार्टी को कैसे डिग्री मिल सकती है. इस बीच दोनों ओर से हुई धक्का मुक्की के बाद उग्र भीड़ को भारी पड़ता देख अपने बचाव में कोर्ट के कर्मचारियों ने लाठी से ग्रामीणों पर वार कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों तथा जिला से प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों ने बीच बचाव किया. पटमदा थाना प्रभारी करमपाल भगत व कमलपुर थाना प्रभारी अशोक कुमार के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. इसके बाद एक महिला समेत 4 लोगों को पुलिस ने पटमदा के माचा सीएचसी में इलाज कराया. अस्पताल से इलाज कराकर आने तक कोर्ट की टीम व पुलिस टीम ग्रामीणों के बीच बंधक बनी रही. पुलिस द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद मामला शांत हुआ.
जमीन की मापी का काम स्थगित :
सिविल कोर्ट के नाजिर धीरज कुमार ने आश्वासन दिया कि इस मामले में वह मदद करने के लिए तैयार हैं. इस आदेश को रोकने की मांग पर कोर्ट में आवेदन करना होगा. ग्राम प्रधान विभूति माझी का आरोप है कि कोर्ट से आए कर्मचारियों से जानकारी मांगने पर दो थप्पड़ जड़ दिया. जबकि लाठी से एक महिला समेत 4 लोगों की भी पिटाई कर दी गई. उन्होंने इस मामले में पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की है. सिविल कोर्ट से आये नजीर धीरज कुमार व कर्मचारियों का आरोप है कि ग्राम प्रधान विभूति माझी के नेतृत्व में हमलोगों को घेर लिया और सरकारी काम में बाधा डालने लगे. बचाव के दौरान ही हाथों से पिटाई की गई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है