मुसाबनी. मुसाबनी प्रखंड के सोहदा ग्राम प्रधान दिलीप हेंब्रम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को एसडीओ कार्यालय में डीसीएलआर से मिला. उन्हें ज्ञापन सौंपकर एचसीएल प्रबंधन पर बार-बार सोहदा ग्रामसभा की अवहेलना करने का आरोप लगाया. इसके विरोध में सुरदा खदान में आर्थिक नाकेबंदी करने व एचसीएल के अधिकारियों पर पाबंदी लगाने की जानकारी दी. जबतक सुरदा फेस टू के सभी मजदूरों का समायोजन सुरदा माइंस में नहीं हो जाता है, मजदूर परिवार 27 मई सुबह की पाली से सुरदा थ्री शाफ्ट में आर्थिक नाकेबंदी करेंगे. एचसीएल के अधिकारियों के आवागमन पर पाबंदी लगायेंगे. ज्ञापन में कहा गया कि इस व्यवधान व शांति की सारी जिम्मेवारी एचसीएल प्रबंधन की होगी.
आश्वासन देकर मुकरता रहा है प्रबंधन :
कहा गया कि 9 अक्तूबर, 2024 को हुई बैठक में सुरदा फेस टू के संचालन व सुरदा माइंस में फेस टू के मजदूरों के समायोजन की मांग पर प्रबंधन ने सहमति दी थी. सात माह बाद भी प्रबंधन ने सुरदा फेस टू के मजदूरों को सुरदा माइंस में समायोजन नहीं किया है. सोहदा ग्रामसभा और फेस टू के मजदूरों के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में एचसीएल प्रबंधन ने लिखित आश्वासन दिया था. ग्राम सभा को मजदूरों की सूची सौंपने की कही गयी थी. ग्राम सभा की ओर से सूची सौंपने के बावजूद समायोजन प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी. एचसीएल प्रबंधन के रवैया से सोहदा ग्राम सभा व फेस टू के मजदूरों में रोष है. सोहदा ग्राम सभा व वन अधिकार समिति संयुक्त रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र स्वीकृति का विरोध करती है.मऊभंडार जीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा:
सोहदा ग्राम सभा व फेस टू के मजदूरों ने मऊभंडार जीएम कार्यालय में जीएम को ज्ञापन सौंपा. 27 मई से सुरदा माइंस में आर्थिक नाकेबंदी करने व अधिकारियों के आवागमन पर पाबंदी लगाने की बात कही है. मौके पर बड़ी संख्या में फेस टू के मजदूर उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है