घाटशिला. मऊभंडार स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर में बुधवार को देव स्नान पूर्णिमा पर भव्य आयोजन हुआ. महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को सहस्त्रधारा स्नान कराया गया. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस स्नान के पश्चात भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं. 14 दिनों तक उनका दर्शन बंद रहता है. इस दौरान विशेष उपचार पूजा की जाती है. कार्यक्रम की शुरुआत मऊभंडार स्थित सुवर्णरेखा घाट से कलश यात्रा से हुई. जय जगन्नाथ के जयकारों के साथ 1251 महिलाएं सिर पर पवित्र जल भरा कलश लेकर लगभग 3 किमी पैदल चल मंदिर प्रांगण पहुंचीं.
भजन-कीर्तन और ढोल-मंजीरे की मधुर ध्वनि से गूंजा क्षेत्र
कलश यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु पीले वस्त्र में शामिल हुए. भजन-कीर्तन और ढोल-मंजीरे की मधुर ध्वनि से वातावरण गूंज उठा. पुजारी निरंजन सतपति और मृणाल राय ने विधि पूर्वक भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा की. पूजा के बाद महाप्रसाद का वितरण हुआ. श्रद्धालुओं के लिए दोपहर में अन्नकूट प्रसाद की व्यवस्था की गयी. मारवाड़ी महिला समिति, मऊभंडार की ओर से महिला श्रद्धालुओं के लिए शरबत वितरण किया गया.
गुंडिचा यात्रा 27 को, बाहुड़ा यात्रा पांच जुलाई को
श्री श्री जगन्नाथ सेवा समिति मऊभंडार के अनुसार, 27 जून को श्री जगन्नाथ की गुंडिचा यात्रा निकाली जायेगी. भगवान नगर भ्रमण करते हुए मौसी के मंदिर (गुंडीचा मंदिर) पहुंचेंगे. 5 जुलाई को बाहुड़ा यात्रा निकाली जायेगी. महाप्रभु श्री जगन्नाथ पुनः अपने मूल स्थान मंदिर लौटेंगे. कलश यात्रा को लेकर मऊभंडार पुलिस सक्रिय दिखी. मौके पर श्री श्री जगन्नाथ सेवा समिति मऊभंडार के सदस्यों समेत बड़ी संख्या में महाप्रभु के भक्त उपस्थित थे.
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