घाटशिला. घाटशिला कॉलेज के भौतिकी विभाग ने परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में “परमाणु ऊर्जा के सामाजिक व पर्यावरणीय लाभ ” विषय पर बुधवार को संगोष्ठी आयोजित की. मुख्य वक्ता, वैज्ञानिक अधिकारी अयोन मुखर्जी ने भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं और परमाणु ऊर्जा के महत्व पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि किसी भी देश का विकास उसकी ऊर्जा खपत पर निर्भर करता है, और इस मामले में भारत अभी काफी पीछे है. वर्तमान में भारत की ऊर्जा आपूर्ति मुख्य रूप से कोयले पर निर्भर है, जो पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाता है. कोयले से निकलने वाली सीओ टू गैस ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देती है, इसलिए परमाणु ऊर्जा एक बेहतर और स्वच्छ विकल्प हो सकती है.
भारत मात्र 3% ऊर्जा परमाणु स्रोतों से उत्पन्न करता है
श्री मुखर्जी ने बताया कि वर्तमान में भारत मात्र 3% ऊर्जा परमाणु स्रोतों से उत्पन्न करता है, लेकिन भविष्य में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव की संभावना है. परमाणु ऊर्जा का उपयोग न केवल बिजली उत्पादन में, बल्कि रक्षा, चिकित्सा, खाद्य संरक्षण और औद्योगिक विकास में भी किया जाता है. हालांकि, इसके सुरक्षित उपयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया गया. छात्रों को रेडिएशन सर्वे मीटर, जीएम काउंटर, टोटल स्टेशन जैसे उपकरणों का लाइव प्रदर्शन किया गया.कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस संगोष्ठी में डॉ. कन्हाई बारिक, प्रो. मो. सज्जाद, डॉ. पीके गुप्ता, डॉ. संजय तिवारी, प्रो. अर्चना सुरीन, डॉ. संदीप चंद्र, शाहिद इकबाल, मल्लिका शर्मा, शर्मिष्ठा आदि उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है