गालूडीह. झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के श्रद्धालुओं के समागम से दारीसाई वृंदावन बन गया है. दारीसाई में चतुर्थ नवकुंज के छठे दिन हरे राम-हरे कृष्ण के कीर्तन में श्रद्धालु लीन हो गये हैं. पूरा इलाका 12 मार्च से निरामिस हो गया है. सभी ने मांस-मछली और प्याज-लहसुन तक छोड़ दिया है. मुख्य पुजारी सह संन्यासी विनय दास बाबाजी के नेतृत्व में आयोजित नौ दिवसीय चतुर्थ नवकुंज मधुरास 12 मार्च को गंधा दिवस के साथ शुरू हुआ. 13 मार्च से नाम आरंभ हुआ. मंगलवार शाम से देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहा. माथे पर चंदन का टीका, मुंह में हरे राम-हरे कृष्णा के साथ सभी भक्ति में लीन हो गये हैं. सोमवार शाम को आयी आंधी से हुई क्षति को कमेटी ने मंगलवार सुबह तक दुरुस्त कर लिया. मंगलवार से फिर वहीं भक्ति का मंजर देखने को मिला. सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. हर एक कदम नवकुंज की ओर है. तीन राज्यों की 58 कीर्तन मंडलियां 24 घंटे दिन-रात नन स्टॉप कीर्तन कर रही हैं. 21 मार्च को नाम समाप्त होगा और 22 मार्च को महंत विदाई और भोग के साथ नवकुंज का समापन होगा.
नवकुंज मेला में लगीं सैकड़ों दुकानें
दारीसाई में नवकुंज पर मेला लगा है. यहां सैकड़ों दुकानें सजी हैं. मेला शाम से रात तक गुलजार रहता है. मेले में महिलाओं की खासी भीड़ देखी जा रही है. लोग नवकुंज में पूजा और कीर्तन में शामिल होने के बाद मेला में घूम रहे हैं. सामानों की खरीदारी कर रहे हैं. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुरुष व महिला पुलिस बल भी तैनात हैं.
बाबाजी से आशीर्वाद लेने के लिए लग रही कतार
नवकुंज मंदिर के संस्थापक सह मुख्य पुजारी विनय दास बाबाजी के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लग रही है. बाबाजी के भक्त लाइन में खड़े होकर बाबाजी का दर्शन कर रहे हैं और आशीर्वाद ले रहे हैं. बाबाजी यहां सुबह से दोपहर तक और फिर शाम से रात तक रहते हैं. बाबाजी के आने के साथ ही भक्तों की लंबी लाइन लग जाती है.
प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु कर रहे प्रसाद ग्रहण
नवकुंज मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद तैयार किया जा रहा है. कई क्विंटल चावल, दाल और सब्जी का भोग बन रहा है. भोग शुद्ध शाकाहारी है. भोग तैयार करने के लिए सुबह से रात तक पुरुष और महिलाओं की टीम लगी रहती है. महिलाएं सब्जी बनाती हैं तो पुरुष चूल्हे पर भोग बनाते हैं. एक बड़ा रसोई घर बनाया गया है. यहां सुबह से रात तक हजारों लोगों को भरपेट भोजन कराया जा रहा है. खाने से लेकर रहने की उत्तम व्यवस्था भी गयी है. दूसरे राज्यों से आये लोग यहां छह दिनों से ठहरे हैं. विधायक रामदास सोरेन के कोष से बने शौचालय और पानी टंकी का भी बेहतर उपयोग हो रहा है.
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