बहरागोड़ा. बहरागोड़ा प्रखंड में एनएच-49 किनारे 25 एकड़ में कृषि फार्म हाउस है. यहां नयी तकनीक से खेती की शुरुआत की गयी है. इस क्षेत्र के किसान मॉडल खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. 17.5 एकड़ में मल्चिंग विधि से खेती शुरू की गयी है. यहां प्रतिवर्ष 750 किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस पद्धति से खेती करने से किसान उन्नत होंगे. उनके मुनाफा में वृद्धि होगी.
जानकारी हो कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग से संचालित समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना सह कृषक पाठशाला का निर्माण डेवलपमेंट सोसायटी की देखरेख में हो रहा है. यहां मॉडल खेती को अपनाया जा रहा है.यहां मिलेंगे कई तरह के कृषि प्रशिक्षण : मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, फसल, फूल, फल आदि की खेती के लिए क्षेत्र के किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. दो बड़े-बड़े तालाबों में मत्स्य पालन हो रहा है. विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे, मूंगफली व धान की खेती मल्चिंग पद्धति पर हुई है.
जैविक खाद से होती है खेती
जानकारी के अनुसार, केंचुआ और गोबर से जैविक खाद का निर्माण हो रहा है. उसी से खेती हो रही है. डेवलपमेंट सोसायटी के विशाल कुमार ने कहा कि यहां पर जैविक खाद से खेती होती है.मल्चिंग विधि से खेती के फायदे
– मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार होता है– मिट्टी का कटाव कम होता है- मिट्टी की नमी बनी रहती है- खरपतवार की वृद्धि कम होती है- फसल की पैदावार बढ़ती है- पानी के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद मिलती है- मिट्टी के जीवों जैसे केंचुआ की गतिविधि बढ़ती है- मिट्टी के तापमान में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जाता हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है