घाटशिला.एचसीएल के मुख्यालय कोलकाता में गुरुवार को मुसाबनी माइंस मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अखिलेश्वर सिंह और मुसाबनी माइंस लेवल यूनियन के महामंत्री कॉलटू चक्रवर्ती एचसीएल के सीएमडी घनश्याम शर्मा व डायरेक्टर माइनिंग संजीव सिंह से मिले. उन्होंने संयुक्त रूप से बताया कि घाटशिला स्थित एचसीएल/आइसीसी के मऊभंडार इकाई को पुनः संचालित करने व अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. मऊभंडार स्थित तांबा फैक्ट्री को दोबारा शुरू करने के संभावित उपायों पर विचार किया गया, इसके साथ ही कंपनी में नयी बहाली के पक्ष में भी चर्चा हुई. प्रतिनिधियों ने बताया कि एचसीएल के वर्षों से बंद रहने के कारण घाटशिला की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में इस कारखाने को पुन: सुचारु रूप से चालू करना क्षेत्र की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अत्यंत आवश्यक है.
क्वार्टरों के गारंटरों की समस्याओं पर भी चर्चा
वहीं, कंपनी लीज के अंतर्गत दिये गये क्वार्टरों के गारंटरों की समस्याओं पर भी विस्तार से विमर्श किया गया. कर्मचारियों की घटती संख्या के कारण यह समस्या गंभीर रूप ले रही है, जिससे समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता जतायी गयी. इसके साथ ही यह प्रस्ताव रखा गया कि जो कर्मचारी 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, लेकिन शारीरिक रूप से कार्य करने में सक्षम हैं, उन्हें दोबारा कार्य में लिया जाये या उनके परिवार के किसी एक सदस्य को पुनः नियुक्ति दी जाये.
मजदूरों की मांगें पूरी किये बिना तांबा अयस्क बाहर नहीं जाने देंगे
झारखंड श्रमिक संघ के अध्यक्ष काजल डॉन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को एचसीएल-आइसीसी के कार्यपालक निदेशक सह इकाई प्रमुख श्याम सुंदर सेठी को ज्ञापन सौंपा. बताया गया कि बीते 18 फरवरी को झारखंड श्रमिक संघ ने मजदूरों की तीन प्रमुख मांगें प्रबंधन को सौंपी थीं. इसमें महीने में 13 के बजाय 26 दिन का कार्य देने, सुरक्षा किट की उपलब्धता और छूटे नॉमिनी को रोजगार देने की मांग थी. संघ ने 15 दिन के भीतर मांगों पर निर्णय लेने का आग्रह किया था. प्रबंधन ने अबतक ठोस कदम नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत प्रबंधन ने तांबा अयस्क को बाहर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इस पर श्रमिक संघ ने कड़ा एतराज जताया है. संघ ने चेतावनी दी कि जबतक मजदूरों की मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तब तक अयस्क को बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. यदि मांगों की अनदेखी की गयी, तो श्रमिक संघ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी.मौके पर कमल दास, प्रताप दास, शंभू जेना, गणेश जेना, दुर्गा मुर्मू, मोहम्मद जलील, बाबूलाल मुर्मू, सामिया सामंत, मदन मुर्मू, गुमदा मुर्मू, अनिल रवानी, महेश्वर माहली, सुनील शर्मा, गोलू बारीक, प्रमोद बारीक आदि उपस्थित थे.
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