घाटशिला. मऊभंडार स्थित एचसीएल/आइसीसी स्मेल्टर और रिफाइनिंग प्लांट को दोबारा शुरू कराने की मांग पर सांसद विद्युतवरण महतो ने केंद्रीय खान मंत्री किशन रेड्डी को पत्र सौंपा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 5 मिलियन टन स्मेल्टिंग और रिफाइनिंग कॉपर क्षमता के विजन को हासिल करने के लिए मऊभंडार प्लांट चालू करना जरूरी है. उक्त प्लांट वर्ष 2019 से बंद है. इसके कारण आदिवासी बहुल इलाके में बेरोजगारी बढ़ी है. प्लांट के पास पानी, रेलवे और पोर्ट कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं, फिर भी उत्पादन शुरू नहीं हो सका है. सांसद ने कहा कि एचसीएल प्रबंधन आपके विजन के अनुरूप काम नहीं कर रहा है. खदानों से निकले अयस्क को सीधे बेचा जा रहा है. मंत्री से आग्रह किया कि मऊभंडार प्लांट को फिर से चालू कराया जाये, ताकि क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके. मौके पर दिनेश साव भी उपस्थित थे.
घाटशिला और बहरागोड़ा के बीच एम्स की मांग
सांसद ने लोकसभा में नियम 377 के तहत क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्याओं को रखा. घाटशिला और बहरागोड़ा के बीच एम्स स्थापित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे क्षेत्र में आदिवासी और अनुसूचित जाति की बड़ी आबादी रहती है. यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. देवघर स्थित एम्स जमशेदपुर से करीब 350 किमी दूर है, जिससे मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है