धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ प्रखंड अंतर्गत पावड़ा-नरसिंहगढ़ के पंचायत समिति सदस्य सह स्थायी उद्योग समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार राय के नेतृत्व में अबुआ आवास के लाभुकों ने बुधवार को प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इसके बाद बीडीओ के नाम एक ज्ञापन सौंपा. लाभुकों ने कहा कि ईंट भट्ठा मालिकों ने ईंटों के दाम में बेतहाशा वृद्धि कर दी है. लाभुक आवास निर्माण में असमर्थ हैं. ज्ञापन में ईंट की दर कम करने की मांग की गयी, ताकि गरीब आवास निर्माण पूरा कर सकें. ज्ञापन में कहा गया कि बीते मई माह में प्रति ईंट की कीमत 8 रुपये थी. वहीं, जून माह में कीमत 14 रुपये हो गयी.
कीमत नहीं घटी, तो आंदोलन करेंगे ग्रामीण
दरअसल, समय पर निर्माण पूरा नहीं होने पर लाभुकों को प्रशासन से नोटिस दिया जाता है. लाभुक दबाव में हैं. बीडीओ की अनुपस्थिति में प्रधान सहायक विक्रम बोदरा को ज्ञापन सौंपा गया. ईंट भट्ठा मालिकों पर किसी प्रकार का प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है. वे लगातार ईंट का दाम बढ़ा रहे हैं. लाभुकों ने मांग की है कि प्रखंड के ईंट भट्ठा मालिकों के साथ बैठक कर अबुआ आवास के लाभुकों के लिए दर में कमी की जाये. ईंट भट्ठा मालिक मनमाने तरीके से मूल्य वृद्धि करेंगे, तो विरोध किया जायेगा. प्रदीप राय ने कहा कि जरूरत पड़ी, तो ईंटों का परिवहन रोकने के लिए जोरदार आंदोलन चलायेंगे.मौके पर अमिता धवल देव, मलीना नामता, नमिता मान्ना, उमा नामाता, आरती नामाता, रंजू मन्ना, जोशना धवल देव, संध्या बारिक, मीरा धवल देव, पुष्प दास, माला धल, सुजीता नामाता, सबरी कालिंदी, हरेन कालिंदी आदि उपस्थित थे.
अबुआ आवास के लाभुकों को 10 रुपये में ईंट देने की सहमति बनी थी
अबुआ आवास के प्रखंड समन्वयक कान्हू राम हेंब्रम ने बताया कि आवास की प्राक्कलित राशि दो लाख रुपये है. मनरेगा के तहत 95 मानव दिवस के 25 हजार रुपये मिलते हैं. प्रत्येक लाभुक को मॉडल नक्शे पर 420 स्क्वायर फीट में आवास का निर्माण करना है. इसमें तीन कमरे, एक रसोईघर व एक बरामदा शामिल है. आवास निर्माण में लगभग 8.5 हजार ईंट की जरूरत पड़ती है. ईंट के दाम में लगातार वृद्धि की शिकायत लाभुक कर रहे हैं. इस मामले में बीते दिनों बीडीओ की अध्यक्षता में भट्ठा मालिक के साथ बैठक हुई थी. अबुआ आवास के लाभुकों को 10 प्रति ईंट की दर से देने पर सहमति बनी थी. ईंट का उत्पादन नहीं होने पर पहले आओ, पहले पाओ के फार्मूले पर आपूर्ति का निर्णय लिया गया था. इसकी जानकारी किसी लाभुक को नहीं दी गयी है. प्रदीप राय ने कहा कि उन्हें बैठक की कोई जानकारी नहीं है.
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