घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की झाटीझरना पंचायत के भोमराडीह गांव में नीर निर्मल योजना के तहत वर्ष 2017-18 में लगभग 45 लाख से जलमीनार का निर्माण कराया गया था. योजना की शुरुआत में ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की उम्मीद जगी थी, लेकिन यह योजना मात्र छह माह में ही ठप हो गयी. चार वर्षों से योजना बंद पड़ी है. ग्रामीण झरने व चापाकलों पर निर्भर हो गये हैं. ग्रामीण दशरथ मार्डी, नेहरू हेंब्रम व संतोष हेंब्रम ने बताया कि योजना के तहत पांच हजार लीटर की टंकी, मोटर और सोलर पैनल लगाये गये थे. शुरू में योजना 62 घरों तक जलापूर्ति हो रही थी. पर संवेदक द्वारा पुराना मोटर लगाने के कारण छह माह के भीतर ही पूरी व्यवस्था ठप हो गयी.
शिकायतों के बाद भी नहीं हुई मरम्मत
ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कोई साकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई. जलमीनार की मरम्मत न होने से योजना वर्षों से बंद पड़ी है. मुखिया प्रतिनिधि विजय सिंह ने बताया कि इस योजना को लेकर कई बार जल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गयी, लेकिन विभाग का कहना है कि योजना पांच वर्ष पुरानी हो चुकी है, इसलिए अब इसके लिए मरम्मत मद में राशि उपलब्ध नहीं करायी जा सकती है. ग्रामीणों ने सरकार व संबंधित विभाग से योजना की मरम्मत कराकर पुनः सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने की मांग की है.तक 62 घरों में हुई जलापूर्ति, चार वर्षोँं से बंद हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है