घाटशिला. अमृत भारत परियोजना के तहत झाड़ग्राम रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण के लिए सीपीआइ के श्रमिक संगठन एआइटीयूसी के कार्यालय का अधिकांश हिस्सा तोड़ना होगा. इसे लेकर सीपीआइ और उसके छात्र संगठन एआइएसएफ के नेताओं का कहना है कि वैकल्पिक स्थान होने के बावजूद रेलवे जान बूझकर पार्टी कार्यालय को निशाना बना रही है. रेलवे सूत्रों के अनुसार रेलवे के नक्शे में झाड़ग्राम स्टेशन के समांतर जो पक्की सड़क है, वह स्टेशन का निकास मार्ग है. स्टेशन से सटी इस सड़क के किनारे रेलवे की जमीन पर कब्जा कर एआइटीयूसी का कार्यालय 1970 के आस-पास बनाया गया था. रेलवे का दावा है कि कार्यालय उनकी जमीन पर है. इस कार्यालय की जगह पर रेलवे परिसर में मौजूद सात दुकानों को पुनर्वास दिया जायेगा. ये दुकानदार रेलवे से लीज लेकर कारोबार कर रहे हैं. रेलवे के इस फैसले के विरोध में एआइटीयूसी के झाड़ग्राम जिला सचिव गुरुपद मंडल ने कहा कि रेलवे के पास कई वैकल्पिक जमीन है. जबरदस्ती तोड़ने की कोशिश हो रही है. सीपीआइ के जिला सचिव देवज्योति घोष का कहना है कि रेलवे के नक्शे में हमारा पार्टी कार्यालय नहीं है. हमने सात दुकानों को पुनर्वास देने के लिए थोड़ा हिस्सा छोड़ने की सहमति दी है.
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