जमशेदपुर.
कोल्हान विश्वविद्यालय में शहरी आवासीय भत्ते (एचआरए) को लेकर बड़ा खेल चल रहा है. केयू केकई वरिष्ठ अधिकारी चाईबासा में पदस्थापित होने के बावजूद जमशेदपुर में रह रहे हैं और यहां के शहरी भत्ते का लाभ उठा रहे हैं, जिससे विश्वविद्यालय को हर महीने लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ रहा है. नियमानुसार, अधिकारी जहां कार्यरत हैं, उन्हें वहीं का वेतन और भत्ता मिलना चाहिए. लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय में इसका उल्लंघन हो रहा है. प्रॉक्टर, सीसीडीसी और डीएसडब्ल्यू जैसे पदों पर बैठे अधिकारी चाईबासा में पदस्थ हैं, पर वेतन जमशेदपुर के कॉलेजों से ले रहे हैं, जिससे उन्हें 18 से 20 हजार रुपये प्रति माह का अतिरिक्त एचआरए मिल रहा है.जमशेदपुर में भत्ता 18% वहीं चाईबासा में 9%
जमशेदपुर नगर निगम क्षेत्र में एचआरए 18% है, जबकि चाईबासा में यह 9% है. यह अंतर सीधे तौर पर इन अधिकारियों के वेतन में जुड़ रहा है. इतना ही नहीं, इनमें से कुछ अधिकारियों पर कोर्ट की अवमानना जैसे मामले भी लंबित हैं और राज्यपाल कार्यालय से उन्हें शोकॉज नोटिस भी मिल चुका है, इसके बावजूद वे अभी भी पद पर बने हुए हैं.
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