घाटशिला. मऊभंडार में संचालित एचसीएल-आइसीसी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक विस्तार और आधुनिकीकरण किया गया है. पहले जहां इस अस्पताल में मरीजों का टोटा रहता था, अब मरीजों की भीड़ उमड़ने लगी है. यहां अस्पताल वर्ष 1930 से संचालित हो रहा है. वर्तमान में इसमें कुल 70 बेड की सुविधा है. अस्पताल में वर्तमान में दो एंबुलेंस, चार केबिन और दो मॉर्चरी की व्यवस्था है. मरीजों की सुविधा के लिए प्रति सप्ताह तीन दिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा उपलब्ध करायी जा रही है. इसमें एक गायनोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ), एक शिशु रोग विशेषज्ञ और एक ईएनटी (कान-नाक-गला) विशेषज्ञ शामिल हैं. अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 85 से 90 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं, जबकि 15 से 20 मरीज अस्पताल में भर्ती रहते हैं. इनका समुचित इलाज जारी है. ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का प्रगति कार्य जारी है.
सभी वार्डों में एसी लगाने की मांग : ओम प्रकाश सिंह
अस्पताल भवन के सौंदर्यीकरण के तहत रंग-रोगन का काम भी प्रारंभ कर दिया गया है. सभी वार्डों में पेंटिंग और अन्य जरूरी सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है. आइसीसी वर्कर्स यूनियन के महासचिव ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि गर्मी को ध्यान में रखते हुए सभी वार्डों में एयर कंडीशनर (एसी) लगाये जाने की मांग की गयी है. साथ ही एक अल्ट्रासाउंड मशीन की मांग की जा रही है.
सुरदा माइंस के दोबारा चालू होने से आया बदलाव :यूनियनआइसीसी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष बीएन सिंहदेव और महासचिव ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि सुरदा माइंस के दोबारा चालू होने के बाद मऊभंडार और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार, चिकित्सा समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है. पिछले पांच वर्षों से मऊभंडार स्थित एचसीएल-आइसीसी बंद रहने के कारण स्थानीय लोगों को निराशा और बेरोजगारी का सामना करना पड़ा था. अब सुरदा माइंस के पुनः आरंभ होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिली है. मऊभंडार स्थित एचसीएल-आइसीसी को भी एक नयश् संजीवनी मिली है.
अस्पताल में ये चिकित्सक दे रहे हैं सेवा
डॉ अक्षय प्रकाश (एमबीबीएस, कोलकाता) वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. उनके साथ डॉ विवेक कुमार, डॉ यूएस रथ, डॉ डीडी वर्मन समेत अन्य चिकित्सक अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं.
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