घाटशिला. एचसीएल-आइसीसी मऊभंडार कंपनी के मुख्य द्वार पर शुक्रवार को झामुमो और झारखंड श्रमिक संघ के बैनर तले मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. मजदूरों को महीने भर रोजगार देने एवं पांच साल से बंद पड़े मऊभंडार कारखाना को दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर झामुमो नेता सह विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत एवं श्रमिक संघ के अध्यक्ष काजल डॉन के नेतृत्व में शुक्रवार को धरना प्रदर्शन किया गया. मौके पर विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत ने कहा कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण 53 माह से एचसीएल-आईसीसी कारखाना में उत्पादन ठप है. इससे हजारों श्रमिकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो गयी है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने जान बूझकर इस कंपनी को बंद करके रखा है. उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि जब तक प्लांट को दोबारा शुरू करने की पहल नहीं की जाती है, तब तक किसी भी हाल में एचसीएल कंपनी से अयस्क बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. झारखंड श्रमिक संघ के अध्यक्ष काजल डॉन ने कहा कि एचसीएल/आइसीसी मऊभंडार में कार्यरत अस्थायी मजदूरों को प्रतिमाह मात्र 13 दिन का रोजगार मिल रहा है. इसे बढ़ाकर 26 दिन किया जाये. साथ ही सभी मजदूरों को सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध कराया जाये. नॉमिनी मजदूरों को अस्थायी रूप से बहाल किया जाये.
आइसीसी के पदाधिकारियों ने अयस्क बाहर जाने देने का आग्रह किया, तो हुआ हंगामा
धरना-प्रदर्शन के दौरान मऊभंडार आइसीसी कंपनी के पदाधिकारी कमलेश कुमार, सुमित एक्का और अश्विनी कुमार ने श्रमिक संघ से अयस्क को कंपनी से बाहर जाने देने का आग्रह किया, तब इसपर झामुमो नेता और श्रमिक संगठन के नेताओं ने विरोध जताया. तीखे स्वर में कहा कि जब तक मजदूरों की मांगें पूरी नहीं होती हैं, तबतक अयस्क किसी भी हाल में बाहर नहीं जाने दिया जायेगा. विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत ने कहा कि सुरदा और केंदाडीह माइंस से निकाला जा रहा अयस्क अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है, जबकि स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. इसकी जानकारी मंत्री रामदास सोरेन को दी जायेगी. नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि मैनेजमेंट की ओर से अगर इन मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो झामुमो और श्रमिक संघ उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगा. उन्होंने कहा कि प्रबंधन जल्द से जल्द आइसीसी कारखाना को दोबारा शुरू करने की दिशा में ठोस पहल करे.
कर्मियों की संख्या 2100 से घटकर 700 हुई
जगदीश भक्त ने कहा कि 5 वर्ष पहले इस कंपनी में लगभग 2100 कर्मचारी कार्यरत थे. इसमें एचसीएल के पदाधिकारी, स्थायी और अस्थायी मजदूर शामिल थे. वर्तमान में संख्या घटकर मात्र 700 रह गयी है. वर्तमान में कार्यरत 297 अस्थायी मजदूरों को महीने में केवल 13 दिन काम मिल रहा है. इसे बढ़ाकर 26 दिन किया जाये. सभी मजदूरों को सुरक्षा के लिए सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध कराया जाये. नॉमिनी मजदूरों को अस्थायी रोजगार दिया जाये. मौके पर सुखलाल हांसदा, विकास मजूमदार, शंभू जेना, सत्यजीत कुंडू, सुशील मार्डी, कमल दास, मृत्युंजय यादव, प्रताप दास, आजाद बेहरा, मो जलील, मदन मुर्मू, शंकर चंद्रदेव, महेश्वर मोहंती, रमेश मुर्मू, रामचंद्र मुर्मू, उमा नामता, चंचल सरकार, प्रकाश निषाद, अंकुर तिवारी, हीरा सिंह, सागर पाणि, अम्लान राय, बाबूलाल मुर्मू समेत काफी संख्या में मजदूर और स्थानीय लोग शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है