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East Singhbhum News :11 सबर बहुल गांवों में बनेंगे बहुद्देशीय भवन

सबरों का जाति प्रमाणपत्र बनने की गंभीर समस्या आयी सामने पढ़ने के बाद भी नहीं मिल रहा रोजगार

गालूडीह .

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड की बाघुड़िया पंचायत के गुड़ाझोर मैदान में रविवार को एक दिवसीय शैक्षणिक समागम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम अखिल भारतीय संताली लेखक संघ (झारखंड शाखा) एवं अखिल झारखंड संताल प्राथमिक शिक्षक संघ के संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ. समागम में जिले भर के सबर-बिरहोर समाज के सैकड़ों छात्र-छात्राएं (कक्षा 6 से 12) और उनके अभिभावक शामिल हुए.

मल्टीपरपज कॉम्प्लेक्स सेंटर का निर्माण किया जाएगा

समागम का मुख्य उद्देश्य विलुप्तप्राय आदिम जनजातियों के शैक्षणिक और सामाजिक उत्थान को लेकर सीधा संवाद करना था. चर्चा के दौरान शिक्षा, नशा उन्मूलन, जंगल-पहाड़ से बाहर आकर मुख्यधारा से जुड़ने, और रोजगार के अवसरों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद झारखंड के स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि सबर बहुल 11 गांवों दीघा, बासाडेरा, रामचंद्रपुर, घुटिया, दारीसाई, गुड़ाझोर, चेंगजोड़ा, हलुदबनी, सोहदा, लाउकेशरा, पाथरगोड़ा में 60-60 लाख रुपये की लागत से मल्टीपरपज कॉम्प्लेक्स सेंटर का निर्माण किया जाएगा. ये सेंटर खेल, सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजनों और कौशल विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाए जाएंगे.

मंत्री ने जमीन पर बैठकर किया भोजन

कार्यक्रम के अंत में मंत्री रामदास सोरेन ने सभी बच्चों और सबर समाज के सदस्यों के साथ जमीन पर बैठकर सामूहिक रूप से भोजन किया. उन्होंने कहा कि समाजों के बीच भेद मिटाकर एकजुटता से ही आदिम जनजातियों का समुचित विकास संभव है.

प्रभात खबर सबरों का दर्द बेहतर जानता और उठाता है, पर सुनेगा कौन : सुंदरी

गुड़ाझोर गांव की सबर महिला सुंदरी सबर बेबाक होकर अपनी बात रही. उन्होंने प्रभात खबर का नाम लेकर कहा प्रभात खबर सबर समाज के दर्द जानता है. उठाता है. पर सुनता कौन है. आज यहां परिचर्चा हुई. सबरों को बुलाया गया. यह अच्छी बात है. उसने कहा कि सबर समाज को नशा ही नाश कर रहा है. बस्तियों में हर कोई नशे में झूमता मिलेगा. ऐसे में किसी समाज का क्या उत्थान होगा. पहले नशा को बंद करना पड़ेगा. महिलाएं सड़क पर उतरे. पुरुष समाज अगर नशा करता है छुड़ाना का बीड़ा उठाये. मैं सबसे आगे रहूंगी. उन्होंने सबरों की मूल समस्याओं को बेबाक ढंग से रखा. इस पर मंत्री रामदास सोरेन ने उन्हें सम्मानित किया और सबर समाज के उत्थान के लिए गठित मंच का महिला प्रतिनिधि के रूप में चुनाव कर दिया. मंत्री ने कहा कि सुंदरी सबर से कहा कि आदिम जनजाति सबरों को किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या हो उन तक सीधे आप पहुंचाये. समाधान होगा.

शिक्षा से सबर समाज आगे बढ़ेगा : बैजू मुर्मू

मांझी परगना महाल के देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि शिक्षा से ही आदिम जनजाति सबर समाज आगे बढ़ेगा और विकसित होगा. अशिक्षा किसी भी समाज को पतन की ओर ले जाता है. शिक्षा ही मनुष्य जीवन का अद्भुत श्रृंगार है. ज्ञान आपसे कोई छिन नहीं सकता. आप शिक्षित होंगे, तो अपने बच्चों को शिक्षित करेंगे. तभी धीरे-धीरे समाज बदेला. मौके पर शिक्षक लोबिन सबर, देश पाराणिक धाड़ दिशोम दुर्गाचरण मुर्मू, घाट परगना लखन मार्डी, एएसईसीए अध्यक्ष सुभाष मार्डी, अखिल भारतीय संथाली लेखक संघ के उपाध्यक्ष माणिक हांसदा, एआईएसडब्लूए अध्यक्ष डॉ रजनीकांत मार्डी, झारखंड संथाल टीचर फेडरेशन के डॉ फुदान चंद्र सोरेन, संयोजक छोटा भुजंग टुडू, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष चाकुलिया शिवचरण हांसदा, समाजसेवी सोमरा बिरहोर, मुखिया पार्वती मुर्मू, सुनील कुमार सिंह, पंसस सुशीला सबर, लक्ष्मण सबर, दुर्गा मुर्मू समेत अनेक लोग उपस्थित थे.

जाति प्रमाणपत्र की समस्या उजागर :

सबर समुदाय ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण वे आरक्षण का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. मंत्री रामदास सोरेन ने इस मुद्दे पर ग्रामसभा के माध्यम से प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सक्रिय करने का आश्वासन दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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