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East Singhbhum News : 1700 घरों में मटमैला व कीड़ायुक्त पानी की सप्लाई से आक्रोश

घाटशिला प्रखंड अंतर्गत दाहीगोड़ा के करीब 1700 घरों में मटमैला व कीड़ा युवक पानी की आपूर्ति होने से लोग परेशान हैं.

घाटशिला.

घाटशिला प्रखंड अंतर्गत दाहीगोड़ा के करीब 1700 घरों में मटमैला व कीड़ा युवक पानी की आपूर्ति होने से लोग परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जल स्वच्छता विभाग से संचालित योजना से पिछले कुछ समय से पीने योग्य पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. पानी में मिट्टी और छोटे-छोटे कीड़े दिख रहे हैं. उक्त पानी के पीने के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा है. ग्रामीणों ने घाटशिला प्रखंड मुख्यालय में बीते 17 जून को आयोजित जन शिकायत निवारण दिवस कार्यक्रम में राज्य के जल स्वच्छता विभाग के मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में विश्व नारायण प्रसाद, अमरेंद्र कुमार सिंह, उत्तम दास, कमल पातर, दीपक पात्र, अनिल कुमार घोष, विनय कुमार अग्रवाल, अनिल राय समेत एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि वे नियमित रूप से पानी का शुल्क जमा करते हैं. इसके बावजूद स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है. पहले प्रति माह 62 रुपये शुल्क था, जो अभी बढ़ाकर 75 रुपये कर दिया गया है.

लगातार बारिश के कारण इंटेकवेल की सफाई संभव नहीं

उक्त पानी टंकी से गोपालपुर पंचायत के लगभग 1,050, पावड़ा पंचायत के लगभग 300 और घाटशिला पंचायत के लगभग 450 घरों में जलापूर्ति होती है. पांच पांडव इंटेक वेल में कचरा जमा होने के कारण भी सप्लाई बाधित हो रही है. मिस्त्रियों का कहना है कि लगातार बारिश के कारण इंटेक वेल की सफाई संभव नहीं हो पायी है. पानी का स्तर घटने पर सफाई की जायेगी.

विभाग के साथ बैठक आज

मुखिया पार्वती मुर्मू ने बताया कि इस मुद्दे पर गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलायी गयी है. इसमें जल स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी और कार्यरत मिस्त्रियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जाएंगे. ग्रामीणों को जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल की सुविधा मिल सके.

मिस्त्री को पानी साफ करने को कहा है : मुखिया

मुखिया प्रफुल्लो हांसदा, पार्वती मुर्मू और शांखी मुर्मू ने बताया कि आम लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराना प्राथमिक जिम्मेदारी है. मिस्त्री को स्पष्ट सुझाव दिया है कि चूना, एलम (फिटकरी) और ब्लीचिंग पाउडर की मात्रा बढ़ाकर पानी को साफ किया जाये.

नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी मटमैला हो गया : विभाग

जल स्वच्छता विभाग के कर्मियों ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी मटमैला हो गया था. चूना और ब्लीचिंग पाउडर डालने के बावजूद पानी पूरी तरह साफ नहीं हो पाया. मंगलवार को रसायनों की मात्रा बढ़ाने के बाद पानी में कुछ सुधार हुआ है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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