मुसाबनी. बागजाता माइंस गेट से लटिया-डुंगरीडीह चौक तक की करीब साढे़ तीन किमी सड़क पिछले एक दशक से जर्जर है. हल्की बारिश होने पर सड़क के गड्ढों में पानी जम जाता है. इससे क्षेत्र के ग्रामीणों को आवागमन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लंबे समय से ग्रामीण सड़क की मरम्मत करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कारगर पहल नहीं हुई है. केवल आश्वासन ही मिलता है. बदहाल सड़क के कारण स्कूल, कॉलेज आने-जाने वाले विद्यार्थियों को परेशानी होती है. इसके साथ ही बीमार को इलाज व गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचने में दिक्कतों का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है.
आश्वासन के बावजूद नहीं की गयी पहल
मालूम हो कि 24 फरवरी को बागजाता, भादुआ, बाकडा, विक्रमपुर, सारूदा समेत कई गांवों व टोला के ग्राम प्रधानों के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर पैदल जुलूस के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंच कर धरना दिया था. धरना के बाद एसडीओ की अध्यक्षता में बैठक कर जल्द सड़क के गड्ढों को भरने व सड़क निर्माण के लिए यूसीआइएल प्रबंधन व ग्राम प्रधानों के साथ उपायुक्त से मिलकर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था. लेकिन करीब दो माह होने को हैं, सड़क के गड्ढों को अब तक नहीं भरा गया. इसके साथ ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए कोई पहल नहीं हुई है. इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में रोष है.ग्रामीणों के अनुसार बारिश के मौसम के पूर्व यदि सड़क की मरम्मत नहीं की जाती है व सड़क किनारे की नालियों में जमा मिट्टी को नहीं हटायी जाती है, तो बरसात के मौसम में सड़क पर आवागमन करना मुश्किल हो जायेगा.
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