बहरागोड़ा.
बहरागोड़ा कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग ने भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (आइसीपीआर), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की. इसका विषय “हीलिंग अर्थ, हीलिंग सेल्फ: पर्यावरण, स्वास्थ्य और आंतरिक शांति” है. संगोष्ठी में शुक्रवार को पहले दिन प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद (एनआइटी जमशेदपुर) ने योग को दैनिक जीवन में अपनाने और पृथ्वी को स्वच्छ रखने के व्यावहारिक पक्षों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है. पटना विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर एनपी तिवारी ने योग की संपूर्ण यात्रा को विस्तार से समझाया. इसके आध्यात्मिक और सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला. डॉ आभा झा ने योग के विविध पहलुओं पर जानकारी प्रदान की. युवाओं को इसके लाभ से अवगत कराया. संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ भूषण, डॉ बालकृष्ण बेहरा ने भारतीय दर्शन और योग पर आधारित जीवन शैली की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. मौके पर पटना विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, रांची विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, सरला बिरला विश्वविद्यालय समेत अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्वानों, शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने सहभागिता की. सभी ने योग, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और आंतरिक शांति जैसे ज्वलंत विषयों पर अपने विचार साझा किये.संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ डुमरेंद्र राजन (दर्शनशास्त्र विभाग, बहरागोड़ा कॉलेज) हैं. संगोष्ठी के मुख्य संरक्षक कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति रहीं. कॉलेज के सभी विभाग के शिक्षकों के अलावा छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे.
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