मुसाबनी. मुसाबनी प्रखंड में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. केंदाडीह में संचालित सीएचसी में एक्सरे की सुविधा नहीं है. ग्रामीणों का आरोप है कि समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती है. इसके साथ कई विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है. सीएचसी में ओपीडी का संचालन होता है. दुर्घटना व गंभीर रूप से बीमार को सीएचसी पहुंचने पर एमजीएम रेफर किया जाता है. सीएचसी में डुमरिया व मुसाबनी प्रखंड के कुपोषित बच्चों के लिए कुपोषण उपचार केंद्र का संचालन भी होता है.
प्रखंड के अधिकतर आयुष्मान केंद्रों में लटक रहे ताले
प्रखंड में उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आयुष्मान आरोग्य केंद्र भवन बनाये गये हैं. भवन का रंग रोगन कर चमकाया गया है, लेकिन अधिकतर आयुष्मान केंद्रों में ताले लटक रहे हैं. कई आयुष्मान आरोग्य मंदिर समय पर नहीं खुलते हैं. आयुष्मान मंदिरों में चिकित्सक नहीं बैठते हैं. सीएचओ व एएनएम की कमी की बात कही जाती है. नीमडीह में दो वर्ष पूर्व निर्मित आयुष्मान आरोग्य भवन अबतक चालू नहीं हो पाया है. कई आयुष्मान केंद्रों में संस्थागत प्रसव के लिए बेड, बॉबी वार्मर समेत सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं. इसका उपयोग नहीं हो रहा है. अबतक किसी आयुष्मान मंदिर में प्रसव शुरू नहीं हो पाया है.पीएचसी का भवन जर्जर, एक फार्मासिस्ट के भरोसे 60 हजार आबादी
प्रखंड कार्यालय परिसर में पुराने सीएचसी भवन में पीएचसी संचालित है. उसका भवन जर्जर है. एक फार्मासिस्ट के भरोसे प्रखंड की 10 पंचायतों की 60 हजार की आबादी निर्भर है. मुसाबनी आकांक्षी प्रखंड है, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. सरकारी चिकित्सा सुविधा के अभाव में ग्रामीण झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वास का सहारा ले रहे हैं. कई लोग इलाज के लिए बारीपदा, झाड़ग्राम व जमशेदपुर के भरोसे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है