घाटशिला. घाटशिला के दाहीगोड़ा में नाली निर्माण के दौरान जलापूर्ति योजना का पाइप क्षतिग्रस्त होने पर जिप सदस्य कर्ण सिंह और अपार्टमेंट कर्मियों के बीच धक्कामुक्की हुई थी. इस मामले में बिल्डर रोशन लाल गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने पांच लाख रुपये रंगदारी मांगने व मारपीट के आरोप में जिप सदस्य कर्ण सिंह और भाजपा नेता हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया. इस संबंध में थाना में कांड संख्या 37/25, दिनांक 28/5/25, धारा 308 (5), 126 (2), 115 (2), 303 (2), 352/351(2)/111(2) बी/3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज हुआ है. घाटशिला पुलिस ने गुरुवार को दोनों को मेडिकल जांच के उपरांत न्यायालय में प्रस्तुत किया.
जिप अध्यक्ष से पुलिस की कहासुनी हुई, थाने में नारेबाजी
इस दौरान थाना परिसर में पुलिस पदाधिकारी व जवान तैनात थे. वहीं, बुधवार रात से जिप सदस्य के समर्थक थाना में डटे रहे. जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू व डॉ कविता परमार के साथ पुलिस की हल्की कहासुनी भी हुई. इसके पश्चात घाटशिला व जमशेदपुर से आये लोगों ने घाटशिला पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्ण सिंह की गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है.
जानकारी हो कि बुधवार को दाहीगोड़ा हनुमान मंदिर के पास निर्माणाधीन अपार्टमेंट की जल निकासी को लेकर नाली निर्माण चल रहा था. इसमें जलापूर्ति योजना का पाइप फट गया. जिप सदस्य कर्ण सिंह ने पहुंच कर स्थानीय लोगों से मामले का जानकारी ली. जिप सदस्य ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने रेल भूमि पर नाली बनाने के लिए बिना अनुमति के गड्ढा खोद दिया.शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस लेना चाहता है, मगर पुलिस मामले को बढ़ा रही है:
विधायक सरयू राय ने कहा है कि घाटशिला के जिला परिषद सदस्य कर्ण सिंह को जबरन जेल भेजा गया है. जारी बयान में सरयू राय ने कहा कि कर्ण सिंह के खिलाफ मारपीट और रंगदारी मांगने की शिकायत दर्ज कराने वाले रौशन लाल गुप्ता गुरुवार की सुबह उनके पास आये और कहा कि कर्ण उनके परिचित हैं. उनसे गलतफहमी हो गयी थी. वे शिकायत को वापस लेना चाहते हैं. सरयू के अनुसार, शिकायत वापस लेने के लिए जब शिकायतकर्ता घाटशिला थाना पहुंचा, तो थानेदार ने शिकायतकर्ता को बाहर करवा दिया. साथ ही उनका मोबाइल भी बंद करवा दिया. उनके घरवाले चिंतित और परेशान हैं. पुलिस उन्हें वहां से कहीं और ले गयी, एसएसपी उनके बारे में पता लगायें.
सरयू राय ने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस का रवैया निहायत ही गैरजिम्मेदाराना है. इस मामले में उन्होंने सीनियर एसपी और ग्रामीण एसपी को बताया कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत वापस लेने को तैयार है. पता नहीं क्यों पुलिस ने कर्ण सिंह को जेल भेज दिया. यह पुलिस मैनुअल के खिलाफ है. पुलिस का काम मुकदमों का निपटारा करना है. पुलिस इस मामले में मुकदमेबाजी को बढ़ा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है