गुड़ाबांदा.
गुड़ाबांदा प्रखंड में कल्याण विभाग से संचालित अस्पताल बदहाल स्थिति में है. इस भीषण गर्मी में बिजली कटने के बाद भी डीजी (जेनरेटर) नहीं चलता है. इससे अस्पताल में भर्ती मरीज गर्मी से बहाल रहते हैं. हाथ पंखा से काम चलना पड़ता है. सोमवार की शाम को बिजली कटने बाद दूसरी व्यवस्था नहीं थी. अस्पताल में डीजी रखा गया है, फिर भी नहीं चलाया जाता है. बरसात के दिनों में छत से पानी सीपेज करता है. दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं. प्लास्टर उखड़ कर गिर रहा है. अस्पताल के बेड टूटे हुए हैं. बिस्तर फटे हुए हैं. नाली जाम रहने से जल जमाव हो जाता है. वर्तमान में मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप है. इस पर पहल नहीं कि गयी, तो संक्रामक बीमारी फैल सकती है. यह अस्पताल विकास भारती संस्था से संचालित है, जिसका सरकार के साथ एमओयू है.डीसी की पहल पर कुछ दिन ठीक-ठाक स्थिति रही थी
इस अस्पताल में पूर्व उपायुक्त विजया यादव ने रिव्यू किया था. उसके बाद तस्वीर बदली थी, पर तकदीर नहीं बदल सकी. इसके बाद अस्पताल की दिशा और दशा सृदृढ़ करने के लिए पूर्व बीडीओ स्मिता नागेसिया व सिविल सर्जन को टास्क सौंपा गया था. इसके बाद इलाज में सुधार कुछ माह तक था. दिन बीतने के साथ स्थिति जस की तस हो गयी. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द सुधार करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है