मुसाबनी. मुसाबनी के बाकड़ा मदन टोला के रैयत बरियार टुडू ने बागजाता माइंस में नौकरी की मांग पर सोमवार को अपने घर के पास सड़क पर बांस रखकर जाम कर दिया. बरियार टुडू के अनुसार, सड़क निर्माण के लिए उसकी रैयती भूमि ली गयी. अबतक नौकरी या मुआवजा नहीं दिया गया. बरियार टुडू अपने परिवार के साथ सड़क पर बैठा रहा. इसके कारण सोमवार को बागजाता माइंस में सुबह व दोपहर की पाली में अधिकारी,कर्मचारी व ठेका मजदूर ड्यूटी नहीं जा सके. माइंस में उत्पादन प्रभावित व अयस्क का परिवहन बंद रहा. हालांकि, कुछ स्थायी कर्मचारी माइंस में पानी निकासी समेत अन्य आवश्यक सेवाओं का परिचालन करते रहे.
प्रबंधन ने नो वर्क नो पे की नोटिस लगायी
बागजाता माइंस प्रबंधन ने नो वर्क, नो पे की नोटिस लगा दी है. वहीं, स्थायी मजदूरों को प्रबंधन ने दोपहर की पाली से जादूगोड़ा माइंस में ड्यूटी के लिए भेज दिया. इससे ठेका मजदूरों का रोजगार प्रभावित हो गया है.
20 वर्षों से जमीन का उपयोग कर रही कंपनी, मुआवजा व नौकरी दे
रैयत बरियार टुडू के अनुसार, 20 वर्षों से उनकी रैयती जमीन का उपयोग प्रबंधन सड़क के रूप में कर रहा है. उन्हें मुआवजा या नौकरी नहीं मिली है. प्रबंधन अबतक केवल आश्वासन देता रहा है. श्री टुडू ने कहा कि कंपनी भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा व नौकरी दे, वरना अपनी भूमि पर कंपनी के वाहनों को नहीं चलने देंगे.खदान के 350 ठेका मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं
ठेका मजदूर परेश ने कहा कि बागजाता माइंस में समय-समय पर होने वाली बंदी का सबसे बुरा असर करीब 350 ठेका मजदूरों पर पड़ता है. स्थायी कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए जादूगोड़ा माइंस भेज दिया जाता है, जबकि ठेका मजदूरों के लिए नो वर्क नो पे की नोटिस लगा दी जाती है. ड्यूटी नहीं होने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. ठेका मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है