गालूडीह. गालूडीह क्षेत्र की आठ पंचायतों में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. इससे बड़ी आबादी प्रभावित है. लोगों के अनुसार, जब-तब बिजली कट जाती है. कोई समय तय नहीं है. रात में बिजली कटने से लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है. इसका असर दैनिक कार्यों पर पड़ता है. वहीं, सुबह में भी लगातार बिजली कटती है. इससे जलापूर्ति बाधित हो जाती है. बड़ी आबादी को पानी नहीं मिल पाता है. गालूडीह के शहरी क्षेत्र महुलिया-कालीमाटी में पाइप लाइन से जलापूर्ति होती है. बिजली कटने से जलापूर्ति रुक जाती है. बिजली आते-जाते रहने से दिन भर पंप चलाने के बावजूद कई बस्तियों तक पानी नहीं पहुंच पाता है. राजवाड़ पाड़ा के लोग पानी के लिए परेशान रहते हैं. अन्य कई बस्ती के लोग परेशान हैं.
रात में दूर से पानी ढोकर लाती हैं महिलाएं:
बिजली संकट के कारण रात में गांव की महिलाएं सोलर पंप से पानी ढोकर घर ले जाती हैं. गालूडीह क्षेत्र की महुलिया, उलदा, बड़ाकुर्शी, जोड़सा, बाघुड़िया, हेंदलजुड़ी और बनकांटी पंचायत के अनेक लोग बिजली संकट से प्रभावित है.कभी मेंटनेंस, तो कभी आंधी-बारिश के बहाने कट रही बिजली :
ग्रामीण कहते हैं कि कभी मेंटनेंस के नाम पर घंटों बिजली काट दी जाती है, तो कभी शाम में जरा सी आंधी-बारिश से रात भर बिजली गुल हो जाती है. गालूडीह क्षेत्र में किताडीह ग्रिड से बिजली आपूर्ति होती है. किताडीह ग्रिड में धालभूमगढ़ से बिजली आती है. अक्सर 33 हजार वोल्ट के तार में फॉल्ट होता रहता है. इससे क्षेत्र के लोग बिजली संकट से अक्सर जूझते रहते हैं. देखने और सुनने वाला कोई नहीं हैडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है