– गुड़ाबांदा. धबोडुंगरी पहुंचे डीसी, दरी पर बैठकर सबरों और ग्रामीणों से किया संवाद
प्रतिनिधि, गुड़ाबांदा
पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने गुरुवार को गुड़ाबांदा प्रखंड का दौरा किया. यहां आदिम जनजाति के सबरों की समस्याएं सुनीं. यह पहला मौका था, जब डीसी ने जमीन पर बिछी दरी पर बैठकर सबरों और ग्रामीण का हाल जाना. सबर अपने पास डीसी को पाकर खुश थे. अर्जुनबेड़ा के धोबोडुंगरी में इमली पेड़ के नीचे सभी सबर परिवार व ग्रामीण जुटे थे. ग्रामीणों ने सबर टोला में पेयजल संकट, चापाकल से गंदा पानी आना, गंदे पानी से एमडीएम बनाना, पीने का पानी दो किमी दूर लाना, राशनकार्ड नहीं बनना, सड़क की बदहाली की समस्या रखी. महिलाओं ने आवास देने की मांग की.उपायुक्त ने ग्रामीणों से यह जानना चाहा कि क्या उन्हें राशन, आवास, वृद्धा पेंशन, उज्ज्वला योजना, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली आपूर्ति, शौचालय निर्माण और मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जो लोग अब तक इन योजनाओं से वंचित हैं, उन्हें त्वरित चिह्नित कर लाभान्वित किया जाये. उपायुक्त ने सबरों से कहा कि गांव में वृहत जलापूर्ति योजना के अंतर्गत घर-घर पेयजल आपूर्ति की जायेगी. गांव में कैंप लगाकर आधार बनाया जायेगा. अंचल विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि इनके व बच्चों के जाति प्रमाण पत्र समय पर बनवा दें. उन्होंने बकरी पालन को लेकर टिप्स दिए. उपायुक्त ने सबरों से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कहा.
नामोटोला की कानंदी रानी सबर ने उपायुक्त से कहा कि वह तिरपाल के नीचे रहने को विवश है. आवास दिलाने का मांग की. धोबोडुंगरी और नामोटोला दोनों जगह पेयजल का घोर संकट है. मोगली सबर ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह से वह पत्तल बनाती है. थोड़ा बहुत धान व बरबटी आदि सब्जी उगा लेती है. यहां बिजली आपूर्ति नियमित नहीं रहती. उपायुक्त ने बिजली विभाग के अधिकारी को तुरंत कहा कि अन्य घरों में कनेक्शन देने के साथ बिजली का काम पूरा करें.
बकरियां बीमारी से मर जाती हैं, चिकित्सक की व्यवस्था होसबरों ने उपायुक्त से कहा कि हमलोग किसी तरह मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं. अपनी पूंजी लगाकर बकरी पालन करते हैं, परंतु बीमारी से मर जाते हैं. यहां पशु चिकित्सा का व्यवस्था हो. पशुपालन के लिए सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है. गांव में कई लोगों का आधार कार्ड नहीं बना है. सभी लोगों के घर जर्जर हैं. जियो टैग होने के बावजूद भवन नहीं बन रहा है. डाकिया योजना का अनाज चुआशोल गांव जाकर लाना पड़ता है.
ज्वालकांटा से अर्जुनबेड़ा तक सड़क बनवा दें : ग्राम प्रधानग्राम प्रधान गणेश चंद्र महतो ने उपायुक्त से मांग की, ज्वालकांटा से अर्जुनबेड़ा तक सड़क जर्जर है. सड़क निर्माण कार्य जल्द हो. मौके पर बीडीओ डांगुर कोड़ाह, जिप सदस्य शिव नाथ मांडी, मुखिया सुशीला मुंडा, प्रभारी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी ललित शर्मा समेत प्रखंड व अंचल के सभी पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे.
—————26जी 21- आश्रम आवासीय विद्यालय में छात्राओं से जानकारी लेते डीसी
…आश्रम बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया..सर भवन जर्जर है, खाना मेनू से नहीं मिल रहा : छात्राएं
उपायुक्त ने अर्जुनबेड़ा स्थित आश्रम बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया. वार्डन कारमी हेंब्रम व छात्राओं से विद्यालय की समस्याओं की जानकारी ली. छात्राओं ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षक नहीं हैं. आइडी कार्ड नहीं मिला है. छात्रावास में पानी चूने की शिकायत की. वार्डन ने उपायुक्त को बताया कि छात्रावास के नये भवन में दरार होने के कारण शिफ्ट नहीं हो पाया. शौचालय के दरवाजे व खिड़कियां टूटने की जानकारी दी. उपायुक्त से मरम्मत की मांग रखी. पानी की व्यवस्था के लिए एक मोटर चालू होने की जानकारी दी. उपायुक्त ने छात्राओं से कहा कि कंप्यूटर शिक्षा आवश्यक है. छात्राओं ने कहा, खाना नियम अनुसार नहीं मिलता है, भवन जर्जर है. छत से पानी टपकता है. डीसी ने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने के लिए प्रोत्साहित किया. उपायुक्त ने वार्डन को बताया कि पेयजल के नया मोटर लगाया जायेगा. छात्रावास भवन को मरम्मत कराने का आश्वासन भी उपायुक्त ने दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है