चाकुलिया. राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित शोधपत्र प्रस्तुति पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन चाकुलिया डायट में किया गया. इसमें सभी प्रखंड से एक-एक शिक्षक ने भाग लिया. कार्यशाला में 32 शिक्षकों ने शोधपत्र प्रस्तुत किया. दो दिवसीय कार्यशाला में पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में रंभा कॉलेज की प्राचार्या डॉ कल्याणी कबीर तथा अध्यक्षता डॉ त्रिपुरा झा ने की. अंतिम दिन शुक्रवार को मुख्य अतिथि के रूप में डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या डॉ जूही समर्पिता तथा अध्यक्षता डॉ मुदिता चंद्रा ने की. डॉ जूही समर्पिता ने कहा कि 34 वर्षों बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया. तकनीक विकसित होने पर बदलाव आवश्यक हो गये. शिक्षक जादूगर होते हैं. जो बच्चों के जीवन को बदल सकते हैं. बच्चों के सृजनात्मक विकास पर ध्यान दें. तो एनइपी की सोच सफल होगी. हमें बच्चों के मन को समझना है. शिक्षकों को प्रभावशाली होना होगा. शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं. अध्यक्षीय भाषण में डॉ मुदिता चंद्रा ने कहा कि देश में शिक्षा को बढ़ाना सबसे बड़ा कर्तव्य है. नई शिक्षा नीति से हम अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पा सकते हैं. सेमिनार के दौरान डायट चाकुलिया का अपना लोगो बनाया गया. इसका अनावरण किया गया. इस लोगो को करणडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय की शिक्षिका शोभा कुजूर, डायट फैकल्टी विक्टर विजय समद और डॉ रजनी रंजन ने मिलकर तैयार किया है.
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