मुसाबनी.
मुसाबनी प्रखंड की गोहला पंचायत स्थित विक्रमपुर गांव के बालीडुंगरी टोला में आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन नहीं है. सेविका के घर के एक छोटे से कमरे में 16 वर्षों से केंद्र संचालित हो रहा है. मासूम बच्चे गर्मी, बरसात व ठंड में फर्श पर बैठते हैं. आंगनबाड़ी का अपना भवन नहीं होने के कारण बच्चों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. जगह की कमी के कारण बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी-मेज, खेल सामग्री व अन्य पाठन सामग्री नहीं मिल पायी है. बालीडुंगरी आंगनबाड़ी केंद्र की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी. शुरुआत में कुछ माह तक टोला प्रधान ठाकुर दास टुडू के घर के एक कमरे में केंद्र का संचालन होता था. इसके बाद टोला प्रधान के निर्देश पर सेविका के घर में संचालन हो रहा है.30 बच्चे हैं नामांकित
बालीडुंगरी आंगनबाड़ी केंद्र में 30 बच्चे नामांकित हैं. केंद्र में नामोटोला, बालीडुंगरी, दागोड़ा, चिरुकोचा, फोडीह आदि पोषक क्षेत्र आते हैं. आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन सेविका व सहायिका सोमवारी मुर्मू करती हैं. सेविका के अनुसार, प्रतिमाह 200 रुपये किराया निर्धारित है. पिछले 2 साल से मकान का किराया नहीं मिला है. गर्भवती व धात्री माताओं को आंगनबाड़ी का भवन नहीं होने के कारण परेशानी उठानी पड़ती है. गांव में कुछ माह पहले केंद्र के भवन निर्माण के लिए शिलान्यास हुआ था. इससे ग्रामीण खुश थे. संवेदक ने अबतक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया है.
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