घाटशिला.
घाटशिला में रविवार शाम से रात तक 174.6 मिमी बारिश हुई. इसके कारण कई इलाके जलमग्न हो गये. बासाडेरा और बुरुडीह के बीच पुलिया पर करीब 5 फीट ऊपर तक पानी बह रहा था. इस कारण बाजार से लौट रहे कई लोग बुरुडीह में होटल और अन्य स्थानों पर रात भर रुके रहे. घाटशिला व मुसाबनी से कई लोग रविवार की शाम काशीडांगा जा रहे थे. रास्ता बंद होने के कारण वहीं रुक गये. सोमवार सुबह जलस्तर कम होने के बाद गंतव्य की ओर रवाना हुए. बुरुडीह डैम लबालब है. पानी ओवरफ्लो हो रहा है. खेत में पानी भरने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है. इधर, बुरुडीह नौका परिचालन समिति ने डैम परबैरिकेडिंग कर लोगों को नहीं जाने की सलाह दे रहे हैं. बारिश ने खोली बुरुडीह
सौंदर्यीकरण की पोल : बुरुडीह और आसपास में वर्ष 2018- 19 में सौंदर्यीकरण पर लाखों रुपये खर्च किये गये थे. इस दौरान बाउंड्री निर्माण पर भी बड़ी राशि खर्च की गयी. इस बार की बारिश ने इन कार्यों की पोल खोल दी है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस स्थान से पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है, वहां बाउंड्री बनाना कितना उचित था, यह सवाल उठता है. विभागीय अधिकारियों ने इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया. इससे बाउंड्री पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी है. यह मामला अब ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.गालूडीह बराज के आठ गेट खोले गये
गालूडीह.
लगातार बारिश से फिर एक बार सुवर्णरेखा नदी उफना गयी है. गालूडीह बराज के 18 में से आठ गेट खोल दिये गये हैं. इससे नदी की पूर्व दिशा में तेजी से पानी जा रहा है. नदी लबालब भरने से बराज के पास लहर उठ रही है. बराज के आसपास मछुआरे जाल से मछली पकड़ रहे हैं. परियोजना पदाधिकारियों ने तटवर्ती गांव के ग्रामीणों को सावधान कर दिया है. जब-जब डैम का गेट खोला जाता है, तब-तब सायरन बजाया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है