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– रात करीब 11 बजे हितकु की मौसीबाड़ी तक ले जाया गया रथ
फोटो कैप्शन : 27 नरवा 2, 27 नरवा 3, .4 रथ यात्रा को रोकते हाड़ तोपा गांव के लोग,
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नरवा. सुंदरनगर थाना के कदमा गांव से हाड़तोपा के बाकुडुंगरी जा रही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को हाड़तोपा के ग्रामीणों ने गांव के बाहर रोक दिया. इसके बाद रथयात्रा की आयोजक मंडली ने सुंदरनगर थाना को खबर दी. मामले की गंभीरता को समझते हुए सुंदरनगर और जादूगोड़ा थाना की पुलिस पहुंच गयी. दोनों थाना प्रभारी ने रथयात्रा को नहीं रोकने की अपील की, पर हाड़तोपा के ग्रामीण हाड़तोपा से नहीं जाने देने पर अड़े रहे. कुछ देर बाद डीएसपी, इंस्पेक्टर व पोटका के सीओ पहुंचे. प्रशासनिक अधिकारी दोनों पक्ष को समझाने का प्रयास करते रहे, पर हाड़तोपा के ग्रामीण नहीं माने. बाद में रात करीब 11 बजे रथयात्रा को हितकु ले जाया गया. रथयात्रा में शामिल लोगों ने कहा कि सड़क तो सार्वजनिक है, कम से कम सड़क से जाने से तो नहीं रोकना चाहिए. रथयात्रा में शामिल लोग बांकुडुंगरी जाने पर अड़े रहे. वहीं, हाड़तोपा के ग्रामीण हितकु सीमा से रथयात्रा को लौटाने की जिद पर अड़े रहे. रथयात्रा शाम चार बजे निकली थी.
रथ के बाकुडुंगरी आने पर ग्रामीण बीमार पड़ जाते हैं : सोमाय हांसदा
हाड़तोपा के ग्रामीण सोमाय हांसदा ने कहा कि यहां अंग्रेज काल से रथयात्रा नहीं होती है. एक साल पूर्व यहां अचानक रथयात्रा कर हाड़तोपा गांव के बाकुडुंगरी निवासी श्याम दास के घर में प्रतिमा रखी गयी थी. इस कारण गांव के कुछ लोग बीमार पड़ गये थे. परंपरा के अनुसार, जाहेरथान में पूजा करने के दौरान झुपार ने यहां पूजा नहीं करने की बात कही. इसलिए हम ग्रामीण रथ यात्रा को रोक रहे हैं.
सड़क सार्वजनिक है, रोकना न्याय संगत नहीं : बाबू दास
रथयात्रा आयोजक मंडली के बाबू दास ने कहा कि पिछले साल शांतिपूर्वक पूजा हुई थी. रथयात्रा को रोकना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक सड़क है. रथयात्रा को रोकना न्याय संगत नहीं है. यह संविधान का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं को भी अपना त्योहार मनाने व देवी देवताओं की पूजा करने की स्वतंत्रता है. ऐसे में रथयात्रा को रोकना उचित नहीं है.
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