मुसाबनी.
एचसीएल की निविदा शर्तों के कारण सुरदा माइंस का संचालन करने वाली ठेका कंपनी आरके अर्थ प्राइवेट लिमिटेड को पेनल्टी की मार झेलनी पड़ सकती है. ठेका कंपनी ने नवंबर 2024 को सुरदा माइंस का टेंडर लिया. सुरदा माइंस को हैंडओवर लेने में करीब 3 माह का विलंब हुआ. ठेका कंपनी ने 5 फरवरी 2025 को पूजा कर सुरदा माइंस के संचालन की जिम्मेदारी संभाली. शर्तों के अनुसार, पहले 2 वर्ष ठेका कंपनी को प्रत्येक वर्ष 3.17 लाख टन अयस्क उत्पादित कर एचसीएल को देना है. तीसरे एव चौथे वर्ष में प्रत्येक वर्ष 4 लाख टन व पांचवें वर्ष में 5 लाख टन अयस्क का उत्पादन करना है. प्रति टन अयस्क उत्पादन पर ठेका कंपनी को करीब 1800 रुपये का भुगतान एचसीएल द्वारा किया जायेगा. यदि तय लक्ष्य का 95% तक उत्पादन ठेका कंपनी करती है, तो शर्तों के अनुसार भुगतान ठेका कंपनी को मिलेगा. यदि 95% से कम उत्पादन होता है, तो भारी भरकम पेनल्टी की मार झेलनी पड़ेगी. ठेका कंपनी ने सुरदा माइंस में उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू कर दी है. अबतक अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाया है. मार्च से जून तक के पहले तिमाही में ठेका कंपनी पेनल्टी की मार से किसी तरह से बची है. अगले तिमाही में उसे हर हाल में 70 हजार टन अयस्क का उत्पादन करना है. सुरदा माइंस में उत्पादन बढ़ोतरी में स्टोप की कमी के साथ-साथ पुरानी मशीनरी आदि की बाधा है. ठेका कंपनी नयी मशीनरी लाने के साथ नये स्टोप बनाने का काम कर रही है. ठेका कंपनी उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एंड़ी चोटी का जोर लगा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है