गालूडीह .
गालूडीह के उलदा स्थित माता वैष्णो देवी धाम मंदिर परिसर में शिव परिवार भी स्थापित है. यहां सावन में विशेष पूजा होती है. इस मंदिर का निर्माण साल 2021 के प्रारंभ में हुआ था, जिसे 14 माह में पूरा किया गया. मंदिर में श्री माता वैष्णो देवी, राम दरबार, राधा कृष्ण, शिव परिवार की मूर्तियां जयपुर के विशिष्ट शिल्पकारों द्वारा वियतनाम के उत्कृष्ट संगमरमर से निर्मित हैं. माता रानी के दरबार में ‘नर्मदेश्वर शिवलिंग’ को भी स्थापित किया गया. यह प्रदेश का पहला ‘नर्मदेश्वर शिवलिंग’ है. विद्वानों का कहना है यह स्वयंभू शिवलिंग है, इस शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं है. यहां हर साल सावन में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. मंदिर में रविवार को भंडारा का आयोजन होता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु महाभोग ग्रहण करते हैं. माता वैष्णो देवी मंदिर के साथ शिव अवतार और नर्मदेश्वर शिवलिंग काफी विख्यात है. सावन भर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. इस बार भी यहां विशेष तैयारी की गयी है. सोमवार को भीड़ कुछ ज्यादा रहती है.सावन माह में अभिषेक का है महत्व
सावन में शिव अभिषेक का विशेष महत्व है. मंदिर के पुजारी अमित द्विवेदी के अनुसार पार्थिव शिवलिंग के पूजन से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है. समुद्र मंथन से निकले विष का पान करने के बाद उस जलन को शांत करने को शिवजी का जलाभिषेक किया गया था. इसके साथ ही भांग व बेल पत्र चढ़ाने से अनिष्ट ग्रह की दशा भी शांत होती है. दूध में काले तिल से अभिषेक करने से चंद्र संबंधित कष्ट दूर होते हैं. इस मंदिर के संस्थापक राज किशोर साहू और उनकी पत्नी किरण साहू सावन में विशेष तैयारी की है. इस मंदिर में जम्मू-कश्मीर के स्वामी हृदयानंद गिरि जी महाराज का भी आगमन हुआ है.
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