गुड़ाबांदा.
गुड़ाबांदा प्रखंड की फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत स्थित कोलाबाड़िया गांव के 30 परिवारों के लिए बना आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल है. यह आंगनबाड़ी केंद्र वर्ष 2007 में शुरू हुआ था. आजतक भवन नहीं बना है. निजी घर में केंद्र को किसी तरह चल रहा है. केंद्र में 23 बच्चे नामांकित हैं. सेविका माधो मार्डी ने बताया कि 200 रुपये प्रतिमाह भाड़ा देकर निजी घर में आंगनबाड़ी चला रहे हैं. वर्ष 2015 के बाद से भाड़ा नहीं मिला है.सेविका पर केंद्र को सुचारू रूप से नहीं चलाने का आरोप
ग्रामीणों के मुताबिक, सेविका केंद्र को सुचारू रूप से नहीं चलाती हैं. रोजाना बच्चों को खिचड़ी खिलाती है. बच्चों को अंडा नहीं मिलता है. बच्चों को पोषाहार सही से नहीं दिया जाता है. केंद्र में मात्र पांच बच्चे आते हैं, लेकिन, 23 बच्चों की उपस्थिति दिखाया जाती है. उसमें भी एक बच्चा का दो बार नामांकित किया जाता है. एक बार हिंदी में और उसी नाम को दोबारा इंग्लिश में लिखा जाता है. यहां मातृत्व लाभ नहीं मिलता है. बच्चों को वजन करने वाली मशीन केंद्र से चार किमी दूर तांतीपाड़ा में रखी गयी है. गर्भवती महिलाओं को एएनएम द्वारा तांतीपाड़ा बुलाया जाता है.जानकारी मुताबिक, बीते दिन उपायुक्त ने कोलाबाड़िया आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया था. इसमें गड़बड़ी और बच्चों की वैक्सीनेशन में लापरवाही मिली. इस कारण से एमओआइसी, सीडीपीओ व सेविका को शो-कॉज किया गया था.
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