धालभूमगढ़.
अंचलाधिकारी के पत्र के आलोक में गुरुवार को देवशोल के ग्राम प्रधान दाखिन हांसदा की अध्यक्षता में ग्रामसभा की गयी. यहां ग्रामीणों ने बिंदुवार धालभूमगढ़ एयरपोर्ट निर्माण के लिए अपनी असहमति के पक्ष को लिखित रूप से प्रस्तुत किया. सीओ ने ज्ञापांक 341 दिनांक 5 मई 2025 को देवशोल के ग्राम प्रधान दाखिन हांसदा एवं रुआशोल के ग्राम प्रधान लखन हेंब्रम को पत्र भेजा था. उन्होंने कहा था कि विगत 4 मई की बैठक में ग्रामीणों ने एसडीओ के समक्ष मौखिक रूप से मांगें रखी थीं. उन्हें ग्रामसभा कर अपनी असहमति संबंधी सभी प्रस्तावों का बिंदुवार ग्रामसभा की पंजी में दर्ज करते हुए 3 दिनों में उपलब्ध कराये. इस आलोक में हुई ग्राम सभा में बिंदुवार असहमति जताते हुए कहा गया है कि एयरपोर्ट क्षेत्र हाथियों का गलियारा है. पहाड़ पूजा स्थल में वर्षों से ग्रामीण पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. इससे पूजा स्थल प्रभावित होगा. एयरपोर्ट बनने से 79,332 पेड़ों की कटाई होगी. इससे पर्यावरण को नुकसान होगा. आदिवासी जल जंगल जमीन की बदौलत जीवन यापन करते हैं, जड़ी बूटी एवं अन्य वनोपज प्राप्त करते हैं. जन्म से मृत्यु तक की आवश्यकता जंगल से ही पूरी करते हैं. केंदू पत्ता तथा साल पता से जीविकोपार्जन करते हैं. पेड़ों को ना भारत सरकार ने और न ही झारखंड सरकार ने लगाया है वरन यह प्रकृति की देन है. इसलिए ग्राम सभा ने एयरपोर्ट निर्माण पर असहमति जतायी. मौके पर सुना हेंब्रम, रामदास सोरेन, छीता हांसदा, फूलमनी सोरेन, शंकर सोरेन, करू हांसदा, सोमाय हांसदा, गुरुचरण सोरेन, देवला मंडी, मुकुल मंडी, फागु मंडी, शिबू मंडी, सुकुल मंडी, सुहागी मंडी, राजू मंडी समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है