घाटशिला. घाटशिला के ओम साईं राम नर्सिंग होम में गुरुवार को नवजात की मौत के बाद परिजनों और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. घटना घाटशिला थाना क्षेत्र के चालकडीह निवासी प्रह्लाद कालिंदी की पत्नी जूही कालिंदी से जुड़ी है. जिन्हें रविवार सुबह 11 बजे प्रसव पीड़ा होने पर ओम साईं राम नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. परिजनों का कहना है कि पहले ही 10 हजार रुपये जमा कर दिये गये थे, फिर भी डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे. उनका आरोप है कि भर्ती के चार घंटे बाद डॉक्टर पहुंचे और डिलीवरी को लेकर टालमटोल करते रहे, जिससे नवजात की जान चली गयी. प्रह्लाद कालिंदी ने बताया कि डिलीवरी रविवार को हुई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण शिशु की मौत हो गयी. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज के लिए अतिरिक्त 26 हजार रुपये की मांग की जा रही थी.
प्रबंधन ने आरोपों को किया खारिज, कहा- शिशु को बचाने का हरसंभव प्रयास किया गया
इस मामले में ओम साईं राम नर्सिंग होम के मैनेजर रंजीत सिंह ने परिजनों के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जूही कालिंदी को रविवार को भर्ती किया गया था और उन्हें नर्स मौमिता सिन्हा और गायनोलॉजिस्ट डॉ सुशील शर्मा की देखरेख में रखा गया था. प्रबंधन के अनुसार, महिला की स्थिति गंभीर थी और स्थिति की जानकारी मिलते ही चिकित्सकीय प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी. रंजीत सिंह ने कहा कि डॉक्टरों ने शिशु को बचाने की पूरी कोशिश की और नवजात को अनुमंडल अस्पताल भेजा गया, लेकिन दुर्भाग्यवश सफलता नहीं मिल सकी. कहा कि परिजनों द्वारा लगाया गया लापरवाही का आरोप निराधार है. फिलहाल जूही कालिंदी की स्थिति सामान्य और स्थिर है.
झामुमो के हस्तक्षेप से पीड़ित के 10 हजार रुपये लौटाये
घटना की जानकारी मिलने पर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष दुर्गाचरण मुर्मू अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचे और अस्पताल प्रबंधन से वार्ता की. उन्होंने पीड़ित परिवार की ओर से मामले में हस्तक्षेप करते हुए 10 हजार रुपये की राशि वापस दिलवाई और जूही कालिंदी को अस्पताल से डिस्चार्ज कराया. दुर्गा चरण मुर्मू ने निजी नर्सिंग होम पर गरीब मरीजों के साथ मनमानी और आर्थिक शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि वे इस मामले को राज्य के मंत्री रामदास सोरेन के समक्ष भी उठाएंगे, ताकि भविष्य में किसी गरीब परिवार को इस प्रकार की लापरवाही का शिकार न होना पड़े. घटनास्थल पर बाबूलाल मुर्मू, मोहम्मद जलील, प्रकाश निषाद, जय सिंह उपस्थित थे.
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