मुसाबनी. एचसीएल की केंदाडीह माइंस के लीज नवीकरण से संबंधित ग्रामों में एफआरए-2006 के तहत, जो वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, उनके अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर बुधवार को तेरंगा और कुमीरमुढ़ी गांव में ग्रामसभा आयोजित की गयी. तेरंगा उमवि मैदान में तेरंगा ग्राम प्रधान भागीरथी सोरेन की अध्यक्षता में ग्रामसभा हुई. जानकारी के अनुसार, तेरंगा गांव में केंदाडीह माइंस के लिए 95 हेक्टेयर वन भूमि के अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु चर्चा की गयी. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रबंधन से गांव के युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने, केंदाडीह माइंस तक जाने वाली सड़क के निर्माण और लाइट की व्यवस्था करने के साथ-साथ सीएसआर के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग रखी. आइसीसी के कार्यपालक निदेशक सह इकाई प्रमुख श्याम सुंदर सेठी ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों को सीएसआर के तहत पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. माइंस जाने वाली सड़क पर लाइट की व्यवस्था की जाएगी. केंदाडीह माइंस के चालू होने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा.
कुमीरमुढ़ी गांव में भी हुई ग्रामसभा
कुमीरमुढ़ी गांव में ग्राम प्रधान घासिया किस्कू की अध्यक्षता में ग्रामसभा आयोजित की गयी. इस दौरान केंदाडीह माइंस के वरीय खान प्रबंधक एस. संपत कुमार, एचआर अर्जुन लोहारा, राजस्व उप निरीक्षक कन्हाई लाल हांसदा, वन अधिकार समिति के अध्यक्ष एवं सचिव समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. ग्रामीणों ने एचसीएल प्रबंधन से गांव में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की. प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि सीएसआर के तहत ग्रामसभा के सुझावों और सहमति से गांव में विकास कार्य किए जाएंगे.ग्रामसभा में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर डीजीएम दीपक कुमार श्रीवास्तव, वरीय एचआर प्रबंधक कमलेश कुमार, माइंस मैनेजर सत्येंद्र कुमार, तेरंगा पंचायत की मुखिया दुलारी सोरेन, राजस्व उप निरीक्षक दुर्गा चरण, वन अधिकार समिति के अध्यक्ष देवाराम किस्कू, सचिव उत्तम नारायण देव आदि उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है