डुमरिया. डुमरिया प्रखंड के डीडीटी छिड़काव कर्मी अपनी दो माह की बकाया मजदूरी के लिए भटक रहे हैं. विषम परिस्थिति में काम करने के बावजूद विभाग द्वारा इन्हें मजदूरी नहीं दी गयी है. जिससे इनके परिवार में आर्थिक संकट पैदा हो गया है. मजदूर अपनी मजदूरी भुगतान को लेकर कभी डुमरिया सीएचसी, तो कभी प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. मजदूरों ने बकाया मजदूरी हेतु सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ शायबा सोरेन व डुमरिया के बीडीओ नीलेश कुमार मुर्मू से मांग की है कि वर्ष 2024 के मौसमी छिड़काव के मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान जल्द कराया जाये.
उन्होंने बताया कि हम लोगों से तीन अगस्त 2024 से 30 सितंबर 2024 तक मौसमी छिड़काव का काम कराया गया, लेकिन पांच माह बीत जाने के बावजूद मजदूरों की मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है. विभाग द्वारा हर साल मजदूरी भुगतान में आनाकानी की जाती है. मजदूरों ने मांग की है कि उनकी बकाया मजदूरी विभाग से जल्द दिलायी जाये. मौके पर दिजेंद्र नाथ बेरा, देव कुमार महापात्र, दुर्वासा पुरान, गौरांग कर्मकार, अचिंत महापात्र, अनिल महाकुड़, पूर्ण चंद्र नायेक, बासुदेव बेरा, डमन महाकुड़, मुचीराम धल, यदुनाथ सरदार आदि उपस्थित थे.फंड आने के बाद ही भुगतान होगा
मौसमी छिड़काव करने वाले मजदूरों के बकाया मजदूरी के मामले को मैंने विभाग को अवगत कराया था. वहां से बताया गया कि उस मद में फंड नहीं आया है. फंड आने के बाद ही भुगतान हो पायेगा. छिड़काव कर्मी विषम परिस्थिति में सुदूर गांव जाकर छिड़काव करते हैं और अधिकतर मजदूर गरीब हैं. भुगतान होना चाहिए. -डॉ शायबा सोरेन, चिकित्सा प्रभारी, डुमरिया सीएचसीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है